दिलेर समाचार, नोएडा। उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के पुलिस कमिश्नर ने यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी-2 के विनर एल्विश यादव के केस को नोएडा सेक्टर-49 थाने से सेक्टर-20 में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है. साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि अब इस मामले की जांच इंस्पेक्टर लेवल के अधिकारी करेंगे.
यूट्यूबर एल्विश यादव के खिलाफ अवैध रूप से सांप के जहर की बिक्री के मामले की जांच कर रहे नोएडा पुलिस के एक उपनिरीक्षक का तबादला कर मुकदमे को दूसरे पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि नोएडा के सेक्टर-49 पुलिस थाने के प्रभारी उपनिरीक्षक संदीप चौधरी का पुलिस लाइन्स में तबादला कर दिया गया है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने रविवार रात को बताया, ‘नोएडा, सेक्टर-49 के थाना प्रभारी का पुलिस थाना क्षेत्र के तहत अपराध पर प्रभावी रूप से नियंत्रण लगाने में उनकी अक्षमता के कारण रिजर्व पुलिस लाइन में तबादला कर दिया गया है.’
अधिकारी ने कहा, ‘बरामद 20 मिलीलीटर सांप के संदिग्ध जहर की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. एल्विश यादव को अब तक मामले की जांच के सिलसिले में बुलाया नहीं गया है.’ नोएडा पुलिस ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और ओटीटी रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ के विजेता एल्विश यादव समेत छह लोगों के खिलाफ रेव पार्टी में कथित तौर पर सांप के जहर का इस्तेमाल करने के लिए तीन नवंबर को वन्यजीव (संरक्षण) कानून और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.
पुलिस के अनुसार, तीन नवंबर को पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से पांच कोबरा समेत नौ सांपों को छुड़ाया गया और सांप का 20 मिलीलीटर संदिग्ध जहर भी बरामद किया गया. पुलिस ने कहा कि वे पूरे प्रकरण में यादव की भूमिका की जांच कर रहे हैं. यादव तीन नवंबर को घटनास्थल पर नहीं पाया गया था. यूट्यूबर ने अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया और पुलिस जांच में सहयोग करने की बात कही. यह मामला पशु अधिकार समूह पीएफए (पीपुल फॉर एनिमल्स) के एक अधिकारी की शिकायत पर दर्ज किया गया. पीएफए अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता मेनका गांधी ने अवैध रूप से सांप का जहर बेचने में एल्विश यादव की संलिप्तता का आरोप लगाया था और उसे तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की थी.
राजस्थान के कोटा में चार नवंबर को पुलिस ने यादव (26) को उस वक्त पूछताछ के लिए कुछ देर रोका था जब वह अपने मित्रों के साथ एक कार में यात्रा कर रहे थे. कोटा में स्थानीय पुलिस ने बताया कि यह पता चला है कि नोएडा में उनके खिलाफ एक मामला दर्ज है और इसलिए नोएडा पुलिस से संपर्क किया गया था. सुकेत पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी विष्णु सिंह ने बताया कि नोएडा पुलिस के अधिकारियों ने राजस्थान पुलिस को पुष्टि की कि मामले की जांच की जा रही है लेकिन यादव ‘‘वांछित नहीं’’ है.
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