दिलेर समाचार, लंदन। यदि किसी कर्मचारी को लगता है कि दफ्तर में उसके साथ समान व्यवहार नहीं हो रहा है तो हो सकता है कि वह बीमारी की वजह बता कर लंबी छुट्टी ले। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है। कंपनियों और संस्थाओं के लिए कर्मचारियों की बीमारी वाली छुट्टियां चिंता का विषय हैं। काम के माहौल पर इसका खासा असर पड़ता है।
यदि किसी कर्मचारी का अपने काम पर कम नियंत्रण हो या फिर उसके पास फैसले लेने के अवसर बहुत कम हों, तो इससे बीमारी वाली छुट्टियां लेने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। अगर दूसरे शब्दों में कहें, तो यदि कर्मचारी को यह महसूस होता है कि दफ्तर के लिए वह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है, तो वह अक्सर इस तरह से छुट्टी लेता है।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी आफ ईस्ट एंग्लिया और स्वीडन की स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इस क्षेत्र में एक नया कारक जुड़ा है जिसे हम संस्थागत न्याय या कार्यस्थल पर समानता कह सकते हैं।
बीएमसी पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित इस अध्ययन में इस नये तथ्याकारक पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। यह प्रबंधकों द्वारा कर्मचारियों के साथ व्यवहार का विश्लेषण करता है। अध्ययन के लिए 19,19000 से ज्यादा कर्मचारियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इसमें कर्मचारियों के साथ संबंधों आदि के अलावा बीमारी के लिए ली गयी छुट्टियों का भी विश्लेषण किया गया
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