दिलेर समाचार, उत्तर प्रदेश में मुजफफरनगर के खतौली में हुए ट्रेन हादसे पर बड़ा खुलासा हुआ है. खतौली के स्टेशन सुपरिंटेंडेंट राजेंद्र सिंह ने बातचीत में दावा किया है कि स्टेशन मास्टर को तकनीकी खराबी की कोई जानकारी नहीं थी. स्टेशन सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि यह हादसा रेलवे के लिए एक कलंक है. बता दें कि इस हादसे में कल 23 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 97से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
स्टेशन सुपरिंटेंडेंट के मुताबिक, जब ये हादसा हुआ तब स्टेशन मास्टर प्रकाश सिंह ड्यूटी पर थे, जिन्हें इंजीनियरिंग विभाग ने किसी तकनीकी खराबी की जानकारी नहीं दी थी. राजेंद्रसिंह के मुताबिक ट्रैक के मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी इंजीनियरिंग विभाग की होती है. अगर इंजीनियरिंग विभाग से सूचना मिलती तो ट्रेन रोकी जा सकती थी और ये बड़ा हादसा होने से बच जाता.
खतौली स्टेशन मास्टर राजेन्द्र सिंह ने बताया, ‘’इंजीनियरिंग विभाग स्टेशन मास्टर को ट्रैक के लिए मेमो देता है. स्टेशन मास्टर दिल्ली के सेक्शन कंट्रोल से ब्लॉक (समय, इतने बजे से इतने बजे तक) परमिट कराते हैं. जबकि खतौली स्टेशन पर किसी तरह का ब्लॉक नहीं लिया गया था जिसकी वजह से ये भयानक हादसा हुआ.
पड़ताल में सामने आया हादसे का सच
बता दें कि कल जब हादसे की पड़ताड़ की थी तो कई ऐसे सबूत हाथ लगे थे जिनसे साबितहोता है कि रेल ट्रेक पर मरम्मत का काम चल रहा था और उसी ट्रेक पर ट्रेन तेजी से आई गई जिसके बाद ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए. एबीपी न्यूज़ को हादसे वाली जगह से बड़ा हथौड़ा, रिंच, पाना और पेचकस भी मिले थे. ये सारे औजार रेलवे के ही थे. जो वहां काम के दौरान वहां पड़े हुए थे.
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली में कल कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए. इस रेल हादसे में मरने वालों की संख्या 23 पहुंच चुकी है. जबकि 97 से ज्यादा लोग घायल हैं और मुजफ्फरनगर, मेरठ और हरिद्वार के अस्पताल में भर्ती हैं. कलिंगउत्कल एक्सप्रेस पुरी से हरिद्वार जा रही थी. लेकिन कल शाम 5.45 बजे खतौलीमुजफ्फरनगर में ट्रेन पटरी से उतर गई.
उत्तर प्रदेश में मुजफफरनगर के खतौली में हुए ट्रेन हादसे पर बड़ा खुलासा हुआ है. खतौली के स्टेशन सुपरिंटेंडेंट राजेंद्र सिंह ने बातचीत में दावा किया है कि स्टेशन मास्टर को तकनीकी खराबी की कोई जानकारी नहीं थी. स्टेशन सुपरिंटेंडेंट ने कहा कि यह हादसा रेलवे के लिए एक कलंक है. बता दें कि इस हादसे में कल 23 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 97से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
स्टेशन सुपरिंटेंडेंट के मुताबिक, जब ये हादसा हुआ तब स्टेशन मास्टर प्रकाश सिंह ड्यूटी पर थे, जिन्हें इंजीनियरिंग विभाग ने किसी तकनीकी खराबी की जानकारी नहीं दी थी. राजेंद्रसिंह के मुताबिक ट्रैक के मेंटेनेंस की ज़िम्मेदारी इंजीनियरिंग विभाग की होती है. अगर इंजीनियरिंग विभाग से सूचना मिलती तो ट्रेन रोकी जा सकती थी और ये बड़ा हादसा होने से बच जाता.
खतौली स्टेशन मास्टर राजेन्द्र सिंह ने बताया, ‘’इंजीनियरिंग विभाग स्टेशन मास्टर को ट्रैक के लिए मेमो देता है. स्टेशन मास्टर दिल्ली के सेक्शन कंट्रोल से ब्लॉक (समय, इतने बजे से इतने बजे तक) परमिट कराते हैं. जबकि खतौली स्टेशन पर किसी तरह का ब्लॉक नहीं लिया गया था जिसकी वजह से ये भयानक हादसा हुआ.
पड़ताल में सामने आया हादसे का सच
बता दें कि कल जब हादसे की पड़ताड़ की थी तो कई ऐसे सबूत हाथ लगे थे जिनसे साबितहोता है कि रेल ट्रेक पर मरम्मत का काम चल रहा था और उसी ट्रेक पर ट्रेन तेजी से आई गई जिसके बाद ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए. एबीपी न्यूज़ को हादसे वाली जगह से बड़ा हथौड़ा, रिंच, पाना और पेचकस भी मिले थे. ये सारे औजार रेलवे के ही थे. जो वहां काम के दौरान वहां पड़े हुए थे.
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली में कल कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए. इस रेल हादसे में मरने वालों की संख्या 23 पहुंच चुकी है. जबकि 97 से ज्यादा लोग घायल हैं और मुजफ्फरनगर, मेरठ और हरिद्वार के अस्पताल में भर्ती हैं. कलिंगउत्कल एक्सप्रेस पुरी से हरिद्वार जा रही थी. लेकिन कल शाम 5.45 बजे खतौलीमुजफ्फरनगर में ट्रेन पटरी से उतर गई.
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