दिलेर समाचार, आधुनिक युवक युवतियों को अगर शरीर और बालों पर तेल लगाने को कहा जाए तो वे एकदम बौखला उठते हैं कि यह कितना चिकना होता है, शक्ल चंपू सी लगती है, बहन जी लुक लगती है। उन्हें तो कृत्रिम क्रीम लगाना, माश्चराइजर लगाना बालों पर जेल लगाना ही अच्छा लगता है।
पहले तो लोग त्वचा खुश्क होने पर शरीर पर तेल की मालिश करते थे। बालों में खुश्की न आए, इसलिए सिर पर सप्ताह में एक दो बार कम से कम तेल लगाते थे। तभी उनकी त्वचा नर्म होती थी जबकि वो लोग शारीरिक श्रम आज के लोगों के मुकाबले में अधिक करते थे।
सर्दियों में रूखी त्वचा होने का कारण होता है शरीर में प्राकृतिक तेलों का स्राव कम होना जिस वजह से त्वचा रूखी और खिंची हुई लगती है। सर्दियों में विशेष आवश्यकता होती है त्वचा को माश्चराइज करने की। नियमित क्रीम लगाने से और माश्चराइजर लगाने से त्वचा की ऊपरी परत नरम तो हो जाती है पर एकदम मखमली नहीं बन पाती। मखमली त्वचा के लिए आवश्यकता होती है कि शरीर की तेल से मालिश नियमित की जाए।
आधुनिक समय में किसी के पास भी नियमित मालिश का समय तो होता नहीं। ऐसे लोगों के लिए आसान तरीका है नहाने के बाद हल्का पोंछकर सारे शरीर पर थोड़ा तेल मल लेना चाहिए। इससे भी त्वचा का रूखापन कम होता है। तेल चुनते समय हमें उसकी चिकनाहट व महक का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए और अपनी त्वचा का भी।
सरसों का तेल:- प्राचीन समय से सबसे अधिक मालिश के लिए इस तेल का प्रयोग किया जाता रहा है क्योंकि सरसों का तेल तुलनात्मक अन्य तेलों से कुछ सस्ता और सर्वसुलभ होता है। अधिकतर लोग इसे खाना पकाने के लिए भी प्रयोग में लाते हैं। अब तो डाक्टर्स भी इस तेल में बने खाने की सिफारिश करते हैं।
सर्दी जुकाम वाले लोगों के लिए यह तेल अति लाभकारी होता है। इससे शरीर में गर्माहट आती है। सर्दियों में तेल को पहले गर्म कर जब वो गुनगुना हो जाए तो उससे शरीर की मालिश करनी चाहिए। चाहें तो तिल का तेल सरसों के तेल में मिलाकर भी प्रयोग कर सकते हैं। गर्मियों में तेल गर्म कर ठंडा होने पर प्रयोग में लाना चाहिए।
सरसों का तेल चिपचिपा होने के कारण और महक के कारण कई लोगों को पसंद नहीं आता। ऐसे में मालिश कर दो घंटे के अंतराल में गीले तौलिए से पोंछ सकते हैं या नहाने के बाद लगाकर तौलिए से पोंछ कर वस्त्रा पहन सकते हैं। सरसों के तेल से बालों की मसाज भी की जा सकती है।
मूंगफली का तेल:- मूंगफली का तेल भी खाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इस तेल की मालिश से कई प्रकार के दर्दों को भी लाभ मिलता है।
ऑलिव आयल (जैतून का तेल):- जैतून के तेल से बच्चों की मालिश करना अधिक लाभप्रद होता है। इससे मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। हाथों पैरों में ताकत आती है। बड़े भी इसका प्रयोग रूखी त्वचा को नर्म बनाने के लिए कर सकते हैं। ऑलिव आयल काफी महंगा होता है। इसमें विटामिन ई भरपूर होता है। विटामिन ई के इलावा इसमें कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं जो त्वचा में प्राकृतिक तेल बनाने में मदद करते हैं।
नारियल का तेल:- नारियल का तेल भी चिकना अधिक होने के कारण खुश्क त्वचा के लिए लाभप्रद होता है। इसका प्रयोग सिर की मसाज के लिए भी किया जाता है। इसमें महक कम होती है। इसका नियमित प्रयोग त्वचा पर करने से त्वचा टैन नहीं होती। सर्दियों में नारियल का तेल जम जाता है। इसे पिघला कर प्रयोग में लाया जा सकता है।
बेबी ऑयल:- बेबी ऑयल बच्चों की मसाज के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इससे त्वचा मखमली रहती है। इसमें लिक्विड पैराफिन या पेट्रोलियम जैली होती है। बड़े इसे नहाने के तुरंत बाद प्रयोग में ला सकते हैं।
बादाम का तेल:- बादाम का तेल त्वचा को पोषण भी देता है और इसका प्रयोग हर मौसम में किया जा सकता है। बादाम का तेल महंगा होता है। इसका प्रयोग रूखी त्वचा और बालों पर लगाने के लिए अक्सर किया जाता है।
इनके अलावा कई फूलों से भी तेल निकाला जाता है। उनमें से जोजोबा का तेल अच्छा होता है। बाकी तेल खुशबूदार होते हैं। शरीर पर लगाए गए तेल से त्वचा को पोषण भी मिलता है। रक्त संचार भी ठीक रहता है। अगर आपके पास मसाज का समय नहंी है तो नहाते समय पानी की बाल्टी में 1 बड़ा चम्मच तेल मिलाएं और उस पानी से स्नान करें। प्राकृतिक तरीके से त्वचा मुलायम बनी रहेगी और खुश्की भी दूर रहेगी।
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