बिलकुल अलग परिवार और परिवेश में पले बढ़े दो अजनबी जब एक साथ जीवन बिताने का फैसला करते हैं तो जाहिर है उनके विचार व्यवहार भी अलग अलग होते हैं। ऐसे में एक दूसरे की कई ऐसी बातें या आदतें जो शायद आपको अच्छी न लगती हों, अपनानी ही पड़ती हैं।
जीवन में आए इन तमाम बदलावों को यदि आप खुशी खुशी अपनाती हैं और जिंदगी को खुश रंग बनाने की अपनी तरफ से हर मुमकिन कोशिश करती हैं तो महकते गुलदस्ते सी बन जाती है जिंदगी और उसकी खूशबू से सारा घरा, सारा आलम महक उठता है। पति का पूरा पूरा प्यार पाने के लिए आपको क्या कोशिश करनी होगी, यह आपको हम बताते हैं।
हर पुरूष को ऐसी जगह की ख्वाहिश होती है जहां वो सुकून पा सके, जहां पहुंच कर वो अपनी तमाम दु:ख परेशानियां भुला सके और पत्नी की बांहों से अच्छी जगह भला और क्या हो सकती है एक पति के लिए। पत्नी के प्यार की छांव ही ऐसी जगह होती है जहां पहुंच कर पति खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करता है। उसे ऐसी पत्नी की चाह होती है जो उसे अच्छी तरह समझती हो, उसे उसकी अच्छाइयों व बुराइयों के साथ स्वीकारती हो, जिसे उस पर पूरा विश्वास हो। अगर आप अपने पति को प्यार पाना चाहती हैं तो ऐसी ही बनें।
इसके अलावा पति के दिल में हमेशा अपने लिए जगह बनाए रखने के लिए धैर्य, सहयोग और समझदारी की भी जरूरत होती है। साथ ही पति को जताएं कि आपको उनका कितना ख्याल है। रोज थोड़ा सा वक्त उनके लिए अलग से निकालें। उनसे पूछें कि दिन भर उनके साथ क्या-क्या हुआ, उनका पूरा दिन कैसे गुजरा। उनकी हर बात ध्यान और प्यार से सुनें लेकिन उनसे कोई सवाल जवाब न करें या कोई सलाह न देने लगें क्योंकि इससे उन्हें बुरा लग सकता है
हर औरत को यह बात समझनी चाहिए कि सेक्स हर पुरूष के प्यार का जरूरी हिस्सा है। अगर आपने पति को सेक्स में संतुष्ट कर दिया तो समझ जाएं कि आपने उनका प्यार जीत लिया। इसके लिए आप पति को रिझाने के लिए नए नए तरीके अपनाएं। उनसे सेक्सी बातें करें। कभी कभी खुद उन्हें सेक्स के लिए आमंत्रण भी दें। ज्यादातर पुरूष ऐसी पत्नी को पसंद करते हैं जो सेक्स के लिए ना नुकुर न करे, जो बेझिझक सेक्स क्रिया में उन्हें सहयोग दे। अगर आपने उनकी इन जरूरतों को समझ लिया तो आप पाएंगी उनका बेशुमार प्यार।
अपने पति की बातों को सुनें और उनकी भावनाएं समझें। सिर्फ पत्नी ही न बनी रहें, अच्छी दोस्त भी बनें ताकि आपके पति किसी भी विषय पर बेझिझक आपसे चर्चा कर सकें। उनकी राजदार बनें लेकिन ध्यान रखें कि पति अपने दिल की बात आपसे तभी कहेंगे जब उनकी बातों को स्वस्थ तरीके से लेंगी और उनकी हर बात पर बेवजह सवाल जवाब या शंका नहीं करेंगी। अपने संबंधों को स्वस्थ बनाएं। कुछ अपनी कहें, कुछ उनकी सुनें। फिर देखें बदले में उतना विश्वास और प्यार पाएंगी आप भी।
वो जमाना गया जब पति ऐसी पत्नियों की ख्वाहिश करते थे जो घर के काम काज करें, रसोई बच्चे संभालें और घर की चारदीवारी से बाहर कदम न रखें। आजकल के पति ऐसी पत्नियां चाहते हैं जो महत्त्वाकांक्षी हों, जो कैरियर कान्शियस हों और देश समाज और आज के युग के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें।
शाम को घर लौटने पर पत्नी संज संवर कर तैयार रहे वाली सोच आजकल के पतियों को बकवास लगती है, इसलिए घर परिवार के साथ ही आप अपने कैरियर और दूसरे शौकों पर भी ध्यान दें। यह बात दिमाग से निकाल दें कि शाम को पति के घर लौटने पर आप उसे घर पर नहीं मिली तो वह नाराज हो जाएंगे। घर से बाहर निकलें। अपने लिए एक कामयाब मंजिल तलाशें। फिर आप देखेंगी कि आपके पति सिर्फ आपको सहयोग ही नहीं देंगे बल्कि आपको ढेर सारा प्यार और इज्जत भी देंगे।यह बात बिलकुल सच है कि एक बच्चा हो जाए तो पति परिवार के ज्यादा करीब आ जाता है। देर रात घर लौटना और दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताना दूसरी लापरवाहियां सब धीरे-धीरे खत्म होने लगती है। पिता बन जाने के बाद वो ज्यादा से ज्यादा समय घर में बिताना पसंद करने लगता है ताकि उसे बच्चे का साथ ज्यादा समय तक मिले। पिता बनना है ही इतना खूबसूरत एहसास। बच्चे से पिता का जुड़ाव और स्नेह दांपत्य जीवन में भी नई खुशियां ले आता है। तो समझ गई न आप कि यदि पति का और ज्यादा प्यार पाना चाहती हैं तो जल्दी से घर में एक नन्हा मुन्ना ले आएं।
जीवन में फन, मस्ती व रस बना रहे, तभी जीने में मजा आता है। पतियों को ऐसी पत्नियां अच्छी नहीं लगती जो छोटी छोटी बातों पर सीरियस हो जाती हैं। उन्हें जीवन में फन पसंद आता है। हर रोज कुछ नया हो, नई खुशियां, नई बातें तो उन्हें अच्छा लगता है। इन सबके लिए कोशिशें तो आपको ही करनी होगी। अचानक ही उन्हें बिना बताएं कहीं का आउटिंग का प्लान बना लें। किसी शाम फिल्म की टिकट लाकर उन्हें सरप्राइज दें या फिर कभी कभार डिनर के लिए बाहर ले जाएं। यकीन मानिए, इससे आपका प्यार दोबारा जी उठेगा।
चाहे पुरूष हो या स्त्री, उम्र के हर पड़ाव पर रिश्तों के मायने बदलते रहते हैं, रिश्तों की जरूरतें बदलती रहती हैं और यह बात पति पत्नी के रिश्ते में भी लागू होती है। जवानी में जीवन साथी प्रेमी होता है। दोस्त, पति और प्रेमी होने के साथ ही शारीरिक जरूरत भी होती है। पारिवारिक जीवन के समय एक जिम्मेदार जीवनसाथी की जरूरत होती है जो अपनी हर जिम्मेदारी को अच्छी तरह निभा सके जबकि बुढ़ापे में एक स्नेही साथी की जरूरत होती है जो उम्र के साथ और भी परिपक्व होता चला गया हो। अगर आप उम्र की जरूरत के अनुसार खुद को बदलती रहें तो पूरे जीवन आप दोनों को एक दूसरे का प्यार मिलता रहेगा
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