दिलेर समाचार, वाशिंगटन। डाटा लीक मामले के कारण विवादों में घिरी दुनिया की दिग्गज सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक अब अपनी छवि सुधारने में जुट गई है। उसने चुनावों के दौरान राजनीतिक विज्ञापनों में अपनी पारदर्शिता और जवाबदेही को बेहतर करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है।
फेसबुक की नई नीति के अनुसार, विज्ञापनदाता की पहचान सत्यापित होने के बाद ही सियासी विज्ञापन दिखाई पड़ेंगे। इसके साथ ही विज्ञापन का भुगतान करने वाले के नाम का भी जिक्र होगा।
फेसबुक ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब उसने हाल ही में माना है कि उसके 8.70 करोड़ यूजरों के डाटा का इस्तेमाल ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका (सीए) ने किया था। इस मामले की जांच में सीए के एक पूर्व कर्मचारी ने ब्रिटेन की एक संसदीय समिति को बताया था कि फेसबुक यूजर्स के डाटा का उपयोग सीए ने कथित तौर पर साल 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान के दौरान किया था।
फेसबुक पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि इस सोशल नेटवर्किंग साइट का उपयोग चुनावों को प्रभावित करने के लिए भी किया जा रहा है। फेसबुक की नई नीति के अनुसार, अब हर राजनीतिक विज्ञापन पैसा देने वाले व्यक्ति या संस्था के नाम के साथ जारी किए जाएंगे।
ये भी पढ़े: PNB scam : नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ गैर जमानती वारंट
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar