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अपने घर में महसूस हो रही है नकारात्मकता तो ऐसे करे माहौल को पॉजीटिव

Posted at: Aug 14 , 2017 by Dilersamachar 9855

दिलेर समाचार, पौजिटिविटी यानी सकारात्मकता व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ व ऊर्जावान बनाती है, इसलिए बड़ी से बड़ी मुसीबत का सामना करना भी उस के लिए बहुत मुश्किल नहीं रह जाता. पौजिटिविटी के लिए सकारात्मक सोच का होना आवश्यक है ताकि हमारी सोच को नकारात्मक बनाने वाले तत्त्व हमारे आसपास न रह सकें और हम स्वयं को पौजिटिव ऐनर्जी युक्त अनुभव कर सकें.

क्या है पौजिटिव ऐनर्जी

ऐनर्जी का शाब्दिक अर्थ होता है ऊर्जा या शक्ति. वहीं पौजिटिव ऐनर्जी वह ऊर्जा है जो हमारे मन को शांति और सुकून का एहसास कराती है और हमारे सोच को सकारात्मक बनाती है. हर समय पौजिटिव ऐनर्जी से लबरेज रहने के लिए आवश्यक है कि हम अपने घर को भी पौजिटिव ऐनर्जी से युक्त बनाएं और इस के लिए आवश्यक है कि हम इन बातों पर ध्यान दें:

घर को एकदम साफसुथरा और व्यवस्थित रखें और घर के सामान का हर 6 माह में निरीक्षण करें. जिस सामान का आप ने 6 माह से उपयोग नहीं किया है उसे घर से विदा कर दें, क्योंकि घर में उस की उपयोगिता ही नहीं है और वह आप के घर में सिर्फ जगह घेर रहा है. घर में रहने वाला अनुपयोगी सामान और कूड़ाकबाड़ निगेटिव ऐनर्जी उत्पन्न करता है.

घर के हर कमरे को सामान से ठूंस देने स्थान पर बाजार से वही सामान लाएं जिस की आवश्यकता हो. खुलाखुला और साफसुथरा घर पौजिटिव ऐनर्जी लाता है.

घर की खिड़कियों को खुला रखें ताकि घर में ताजा हवा का आवागमन हो सके.

घर के रद्दी सामान को हर माह के अंत में कबाड़ वाले को दे दें.

घर के फर्नीचर को रिअरेंज करती रहें. इस से उस स्थान पर जमा धूलमिट्टी तो साफ हो ही जाती है, नए स्थान पर रखा फर्नीचर आप के अंदर नएपन का एहसास ला कर पौजिटिव ऐनर्जी को भी संचालित करता है.

घर और बालकनी में पाम, कैक्टस, मनीप्लांट, रबड़ प्लांट, फर्न, क्रोटन, ऐलोवेरा जैसे इनडोर प्लांट और बालकनी में पिटोनिया और बोगनबेलिया जैसे रंगबिरंगे फूलों और लताओं के प्लांट लगाएं. ये घर में औक्सीजन और पौजिटिव ऐनर्जी को उत्पन्न करते हैं.

घर में कैमिकल युक्त चीजों के स्थान पर इको फ्रैंडली नौनटाक्सिक होममेड सोल्यूशंस का प्रयोग करें. आजकल बाजार में इको फ्रैंडली साबुन, सोल्यूशंस क्रौकरी तथा फर्नीचर उपलब्ध हैं.

 

घर में रिसाइकल की जाने वाली वस्तुओं का प्रयोग करें. घर से प्रतिदनि निकलने वाले कचरे के 2 डब्बे रखें. एक में पेपर, विभिन्न वस्तुओं के रैपर व सूखा कचरा डालें और दूसरे में घर की सब्जियों के छिलके व अवशिष्ट भोज्यपदार्थ आदि डालें. इन चीजों को एक गड्ढे या डब्बे में एकत्र कर के खाद बनाएं. यह खाद आप के घर के प्लांट्स के लिए अत्यधिक उपयोगी होगी.

घर में प्राकृतिक प्रकाश आने की पर्याप्त व्यवस्था रखें, क्योंकि कमरों में रहने वाला अंधेरा जहां आप की सोच को संकुचित करता है, वहीं प्रकाशवान कमरे आप को ऊर्जावान बना कर पौजिटिव सोच को विकसित करते हैं. सुबह होते ही खिड़कियों से परदे हटा दें ताकि प्रकाश आ सके.

लाइट की भी पर्याप्त व्यवस्था रखें. सी एफ.एल. के स्थान पर एल.ई.डी. लाइट्स का प्रयोग करें. ये स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए लाभदायक होती हैं.

घर में लैंवेंडर, मिंट, खस, मोगरा, रोज जैसी प्राकृतिक खुशबू वाली कैंडल्स लगाएं. इन की खुशबू घर की निगेटिव ऐनर्जी को समाप्त कर पौजिटिविटी को बढ़ाती है.

स्वयं को प्रकृति के करीब लाएं. घर में नैचुरल पेंटिंग्स लगाएं. यदि घर में जगह है तो किचन गार्डन अवश्य लगाएं अन्यथा गमलों में पौधा लगा कर घर को हराभरा बनाएं.

मिरर्स को ऐनर्जी उत्पन्न करने वाला माना जाता है. इन्हें ऐसे स्थानों पर लगाएं जहां पर आप पौजिटिव ऐनर्जी को बढ़ाना चाहते हैं. इन्हें टौयलेट, बाथरूम या डस्टबिन के आसपास न लगाएं वरना निगेटिव ऐनर्जी उत्पन्न होगी.

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