दिलेर समाचार, नई दिल्ली. उत्तराखंड के अल्मोड़ा की एक अदालत ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और उनके अधीनस्थ काम करने वाले अधिकारी वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ एक NGO द्वारा संचालित स्कूल में लोगों को भेजने और घोटालों में अधिकारियों की संलिप्तता के सबूत छीनने के आरोप में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. अदालत ने 2 मार्च को अधिकारियों के खिलाफ एक गैर सरकारी संगठन प्लेज़ेंट वैली फाउंडेशन की शिकायत को स्वीकार किया था. कोर्ट ने राजस्व पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने और आरोपों की जांच करने का आदेश दिया था.
प्लेज़ेंट वैली फाउंडेशन ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने 14 फरवरी को दादाकड़ा गांव में एनजीओ द्वारा संचालित एक स्कूल में चार लोगों को भेजा. इन लोगों ने एनजीओ के संयुक्त सचिव के कार्यालय कक्ष में तोड़फोड़ की और फाइलें, रिकॉर्ड, दस्तावेज और पेन ड्राइव ले गए जिनमें कथित तौर पर घोटाले से जुड़े सबूत थे. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उन्हें सतर्कता विभाग और अन्य जगहों पर घोटालों से जुड़ी दर्ज कराई गई शिकायत को वापस लेने की धमकी दी गई है. ऐसा न करने पर एनजीओ के अधिकारियों को फंसाने की भी धमकी दी है. एनजीओ का आरोप है कि उनसे भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों को तत्काल वापस लेने को कहा गया.
NGO ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि अधिकारियों की ओर से भेजे गए लोगों ने टाइप किए गए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर करने की भी कोशिश की. ये कागजात वे अपने साथ लाए थे. शिकायतकर्ता ने कहा कि जब उसने विरोध किया, तो हमलावरों ने दराज में रखी 63,000 रुपये की नकदी भी लेकर चलते बने. अल्मोड़ा के जिला मजिस्ट्रेट विनीत तोमर ने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ मामला अल्मोड़ा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर गोविंदपुर के राजस्व पुलिस उप-निरीक्षक द्वारा दर्ज किया गया.
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