सोनी मल्होत्रा
हमारा स्वास्थ्य सबसे अधिक इस बात पर निर्भर करता है कि हमारा इम्यून सिस्टम सही ढंग से कार्य कर रहा है या नहीं। हमारा इम्यून सिस्टम हमें कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकता है फिर चाहे वह छोटे से छोटा इंफेक्शन या कैंसर जैसी बड़ी बीमारी ही क्यों न हो।
इम्यून सिस्टम की मजबूती के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है सही डाइट जिसमें विटामिन व मिनरल सम्मिलित हों। सही डाइट लेने से इम्यून सिस्टम अच्छी तरह कार्य करेगा जिससे शरीर की वायरस व बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी व हमें रोगों से सुरक्षा मिलेगी। आइए जानें कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को जो हमारे इम्यून सिस्टम के कार्यकलाप में सुधार लाते हैं और रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
गाजर:- गाजर एंटी आक्सीडेंट बेटा-केरोटिन का सबसे अच्छा स्रोत है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी फायदेमंद है। यह वायरल व बैक्टीरियल दोनों प्रकार के इंफेक्शन से सुरक्षा देता है। एक अध्ययन में 50-56 वर्ष के 60 वृद्ध पुरूष व महिलाओं में बेटा केरोटीन के प्रभाव को जाना गया। बेटा केरोटीन के सेवन के फलस्वरूप इंफेक्शन से लड़ने वाले इम्यून सेल्स में बढ़ोत्तरी पाई गई।
बेटा केरोटिन के अन्य अच्छे स्रोतों में हैं आम, पपीता, संतरा, खरबूजा, सीताफल व हरी पत्तेदार सब्जियां। इस शोध में यह भी पाया गया कि जब बेटा केरोटिन का सेवन बंद कर दिया गया तो इम्यून सेल्स का स्तर इस शोध के पूर्व की स्थिति में पाया गया। इसलिए अगर आप अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना चाहते हैं तो इन्हें नियमित खाएं।
जिंक युक्त खाद्य पदार्थ:- जिंक एक ऐसा मिनरल है जो एंटीबाडीस, टी-सेल्स व सफेद रक्त कणों में बढ़ोत्तरी कर इम्युनिटी बढ़ाता है। पशुओं पर किए गए एक शोध में यह पाया गया कि जिंक की कमी के कारण वे बैक्टीरिया, वायरस व परजीवी द्वारा किए गए आक्रमणों से अपना बचाव नहीं कर पाए। यह भी देखा गया है कि जिन बच्चों व वयस्कों में जिंक की कमी होती है, उन्हें सर्दी लगने की शिकायत व सांस संबंधी अन्य रोग भी अधिक होते हैं।
अमेरिकन नेशनल इंस्टीटयूट आफ हेल्थ के विशेषज्ञ डॉ. नोवेरा के अनुसार जिंक उम्र के साथ होने वाले इम्यून सिस्टम की कमजोर होने की प्रक्रिया को धीमा करता है। वृद्धावस्था में थायमस ग्लैण्ड जो कि प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, का कार्य भी तेजी से कम होने लगता है। यह ग्लैण्ड थायम्यूलिन नामक एक हार्मोन उत्पन्न करता है जो टी सेल्स के बनने की प्रक्रिया तेज करता है। थायमस ग्लैण्ड के क्षीण पड़ने पर थायम्यूलिन भी कम होने लगता है।
इटली के विशेषज्ञों द्वारा किए एक शोध में जब वृद्ध व्यक्तियों को नियमित जिंक की भले ही बहुत कम मात्रा दी गई तो थायमस ग्लैण्ड ने पुनः कार्य करना शुरू किया और थायम्यूलिन और टी सेल्स में बढ़ोत्तरी हुई। यह बढ़ोत्तरी उतनी ही पाई गई जितनी वयस्क व्यक्तियों में होती है। जिंक के उत्तम स्रोत हैं, दूध, बीन्स, अनाज, नटस आदि।
लहसुन:- लहसुन को भी एंटी वायरल, एंटी बैक्टीरियल व एंटी कैंसर गुणों से युक्त माना जाता है। लहसुन इम्यून सिस्टम के कार्य में सुधार लाता है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिदिन इसकी 1.8 ग्राम की मात्रा हमारी प्रतिरोधक क्षमता के लिए अच्छी है।
कम वसायुक्त भोजन:- अधिक वसा हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाती है। इससे भी जरूरी है सही वसा का सेवन। मछली का तेल, जिसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है वह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। संतृप्त वसा का सेवन नुकसानदायक है इसलिए कम वसा युक्त भोजन का सेवन करें और वह भी असंतृप्त वसा।
फल व सब्जियां:- प्रायः सभी फल व सब्जियां इम्यून सिस्टम पर अच्छा प्रभाव डालती हैं क्योंकि फलों व सब्जियों में विटामिन, बेटा केरोटिन जैसे एंटी आक्सीडेंट होते हैं और शाकाहारी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम मांसाहारी व्यक्ति की तुलना में अधिक मजबूत होता है।
हेडेलबर्ग मंे जर्मन कैंसर रिसर्च सेंटर के विशेषज्ञों ने अपने एक शोध में शाकाहारी व्यक्तियों के रक्त के परीक्षण के दौरान पाया कि शाकाहारी व्यक्तियों के श्वेत रक्त कणों ने टयूमर सेल्स को मारने में, मांसाहारी व्यक्तियों के श्वेत रक्त कणों की तुलना में दुगुनी तेजी दिखाई अर्थात जिस कार्य को करने में मांसाहारी व्यक्तियों को जितने श्वेत रक्त कणों की आवश्यकता है, शाकाहारी व्यक्तियों को उससे आधे ही पर्याप्त हैं इसलिए अपनी डाइट में फलों व सब्जियों को अवश्य शामिल करें।
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