दिलेर समाचार, पटना. बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र में हुए दो महदलित नाबालिग बच्चियों के साथ हुई हैवानियत के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक किसी अपराधी को नहीं पकड़ पाई है. अपराधियों के गिरफ्तार नहीं होने से ग्रामीण दहशत और खौफ के साए के बीच जीने को मजबूर हैं. आलम यह है कि इस इलाके में बच्चियां अपने-अपने घरों से बाहर तक नहीं निकल रही हैं. अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मासूमों के साथ दरिंदगी करने वाले दरिंदे कब गिरफ्तार होंगे.
बता दें, सोमवार की सुबह फुलवारीशरीफ थाना क्षेत्र के हिंदुनी गांव से दोनों बच्चियों का गोइठा लाने के समय ही अपहरण कर लिया गाय था और उसी समय बधार में ले जाकर बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया. मंगलवार की सुबह शौच के लिए गांव के लोग गए तब एक बच्ची मृत अवस्था में जबकि दूसरी डरी सहमी खून से लथपथ थी. घटना के दिन परिजन बच्चियों के गायब होने की सूचना थाना में दी गयी थी लेकिन पुलिस ने परिजनों को बच्चों को खोजबीन करने को कहा.
इस मामले में पुलिस अभी तक किसी भी अपराधी को नहीं पकड़ पाई है. वहीं इस घटना में एक बच्ची की मौत हो चुकी है और एक बच्ची अभी भी एम्स पटना में जीवन और मौत से लड़ रही है. बच्ची के साथ हुई हैवानियत की वजह से वह इलाज के दौरान सदमे में है और बार-बार बेहोश भी हो जा रही है. इसको लेकर के लगभग 10 मुसहरी टोला के 2000 से ज्यादा लोगों ने बुधवार को फुलवारीशरीफ थाना गोलंबर के पास सड़क जामकर आरोपियों की पकड़ने की मांग भी की. लेकिन, घटना के 48 घंटे के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है पुलिस इस मामले में सिर्फ आगे की कार्रवाई करने की बात कर रही है. लेकिन अभी तक समाधान कुछ नहीं निकला है और न ही पुलिस अपराधियों को चिन्हित कर पाई है. इस मामले में फुलवारी शरीफ एएसपी विक्रम सियाग गोलमटोल बात करते हुए दिखाइए और लोगों से जानकारी देने की आग्रह करते नजर आए.
इस मामले को लेकर के बीजेपी के पाटलिपुत्र सांसद रामकृपाल यादव भी परिजनों से मिले. उन्होंने कहा कि पूरा बिहार जल रहा है और यहां की बात की जाए तो यहां के लोग डरे हुए हैं बच्चियां स्कूल जाना छोड़ दी हैं. दो दिनों से बच्चियां डर की वजह से स्कूल नहीं जा रही हैं. ऐसे में पुलिस को इन लोगों को कॉन्फिडेंस में लेना होगा और उनकी सुरक्षा का इंतजाम करना होगा. इसके लिए भी हमने पुलिस में कमी से बात की है. वहीं इस घटना को लेकर माले नेताओं ने भी अपराधियों की गिरफ्तारी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं अलग-अलग सामाजिक संगठन भी इस घटना की निंदा कर रहे हैं. कई लोग सड़क पर आकर हंगामा कर रहे हैं.
वहीं गरीब समाज के लिए काम करने वाली समाजसेवी पद्मश्री सुधा वर्गीज का कहना है कि यह समाज हमारा है और इनको इंसाफ मिलना ही चाहिए. साथ ही एम्स में एडमिट पीड़ित बच्ची को सुरक्षा भी मिलना चाहिए साथ ही परिवार के लोगों को भी सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए. परिवार के साथ-साथ गांव के लोग डरे हुए हैं. सुधा वर्गिस ने कहा कि हम सारे एनजीओ के लोग इस मामले में खड़े हैं और इसको लेकर के ह्यूमन राइट्स से लेकर जो भी न्याय दिलाने वाली संस्था है. सभी के पास जाएंगे. घटना के बाद से पूरे गांव के लोग डरे सहमे हैं. लोग सिर्फ जरूरी काम के लिए ही बाहर निकल रहे हैं.
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