दिलेर समाचार, जयपुर. राजस्थान की दो विधानसभा सीटों वल्लभनगर और प्रतापगढ़ के उपचुनावों (Rajasthan Assembly by-election) की घोषणा हो चुकी है. इसके बाद अब कयास लगाये जा रहे हैं कि अशोक गहलोत कैबिनेट के विस्तार या फेरबदल (Gehlot cabinet expansion or reshuffle) का मसला एक बार फिर से टल सकता है. हालांकि चुनाव आयोग की ओर से ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि सरकार ऐसा नहीं कर सकती है, लेकिन फिर भी अमूमन सरकारें इससे बचती रही हैं. इसके चलते सत्ता में भागीदारी का सचिन पायलट गुट (Sachin Pilot Camp) का इंतजार भी लंबा हो सकता है. राजस्थान की उदयपुर जिले की वल्लभनगर और प्रतापगढ़ की धरियावाद विधानसभा सीट के लिये आगामी 30 अक्टूबर को मतदान होगा. चुनाव आयोग ने मंगलवार को राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों में होने वाले विधानसभा उपचुनावों की घोषणा की थी.
पार्टी सूत्रों के अनुसार राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी संकट के समाधान के लिये दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं की बैठकों के दौर चल रहे हैं. उपचुनावों की घोषणा होने से पहले तक यह माना जा रहा था कि गहलोत-पायलट विवाद का समाधान और मंत्रिमंडल में फेरबदल का नया फॉर्मूला निकाल लिया गया है. उस पर अक्टूबर माह में अमल हो सकता है. लेकिन मंगलवार को उपचुनावों की घोषणा के बाद एक बार फिर उस पर आशंका के बादल मंडराने लग गये हैं. इसके कारण पार्टी में गहलोत सरकार के धुर विरोधी धड़े सचिन पायलट गुट को थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान कांग्रेस में करीब डेढ़ साल से गहलोत और पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष चल रहा है. अभी तक इसका समाधान नहीं निकल पाया है. पार्टी जब भी किसी समाधान की ओर से बढ़ने लगती है तभी कोई ना कोई ऐसा इश्यू आ जाता है कि मामला आगे टलता जाता है. हालांकि प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार उपुचनाव घोषित होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल को लेकर आयोग की तरफ से नियमों की कोई बाध्यता नहीं है. बस सरकारें ही इससे अमूमन बचती रहती हैं.
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