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देव, मनुष्य या फिर राक्षस? जानिए किस गण में हुआ है आपका जन्म

Posted at: Jan 29 , 2018 by Dilersamachar 12436

दिलेर समाचार, इंसान के गण – जन्मकुंडली के माध्यम से किसी भी व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई सारी बातों के बारे में पता लगाया जा सकता है।

आप कैसे हैं, आपका स्वाभाव कैसा है, आपको क्यात पसंद और किस तरह के लोगों से आपकी सबसे ज्यादा बनती है, इन सभी तरह की बातों का पता जन्मकुंडली का आंकलन करने के बाद लगाया जा सकता है।

ज्‍योतिषशास्‍त्र में किसी भी व्‍यक्‍ति के जीवन की गणना के लिए उसके जन्‍म पर आधारित गण का आंकलन भी किया जाता है। किसी व्‍यक्‍ति का व्‍यवहार कैसा होगा, ये इंसान के गण पर निर्भर करता है ।

ज्‍योतिष शास्‍त्र में इंसान के गण को तीन भागों में बांटा गया है – देव गण, मनुष्‍य गण और राक्षस गण।

इंसान के गण –

राक्षस गण के बारे में भ्रांति

 

राक्षस गण के नाम से ही लोग अपने मन में ये धारणा बना लेते हैं कि इस गण से ताल्‍लुक रखने वाले लोग बुरे होते हैं लेकिन ये सत्‍य नहीं है। दरअसल राक्षस गण से ताल्‍लुक रखने वाले लोगों में विशेष प्रकार की शक्‍तियां होती हैं।

राक्षस गण को मिलती हैं ये शक्‍तियां

 

राक्षस गण से संबंधित जातकों में अपने आसपास की ऊर्जा को पहचानने और महसूस करने की शक्‍ति होती है। इस गण से ताल्‍लुक रखने वाले लोग सामान्‍य लोगों की तुलना में अपने आसपास फैली बुरी शक्‍तियों को भांप लेत हैं।

क्‍या हैं अन्‍य गण

 

ज्‍योतिषशास्‍त्र में जैसे कि तीन गणों के बारे में बताया गया है – देव, मनुष्‍य और राक्षस गण। देव गण से संबंधित लो उदार, बुद्धिमान, साहसी, अल्‍पाहारी, समृद्ध और दान-पुण्‍य करने वाले होते हैं।

मनुष्‍य और राक्षस गण

 

वहीं मनुष्‍य गण के जातक अभिमानी, समृद्ध और धनुर्विद्या में निपुण होते हैं। इसके बाद राक्षस गण की बात करें तो इन लोगों में दूसरों की तुलना में विशेष शक्‍तियां होती हैं।

किसी भी मनुष्‍स के जन्‍म नक्षत्र एवं जन्‍मकुंडली के आधार पर उसके गण की पहचान की जा सकती है।

राक्षस गण वाले जातक के गुण

 

राक्षस गण से ताल्‍लुक रखने वाले लोग विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं। इन जातकों की छठी इंद्रिय काफी शक्‍तिशाली और सक्रिय होती है।इस गण वाले लोग कठिन परिस्थिति में भी धैर्य और साहस से काम लेते हैं। ये लोग अपने जीवन में हर मुश्किल का डटकर सामना करना जानते हैं। राक्षस गण – कृत्तिका, अश्लेषा, मघा, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र में बनता है।

अगर आपका जन्‍म इन नक्षत्रों में हुआ है तो आपका गण राक्षस हो सकता है लेकिन इसका मतलब से बिलकुल भी नहीं है कि राक्षस गण से ताल्‍लुक रखने वाले लोगों में राक्षसी गुण होते हैं बल्कि इनमें कुछ खास तरह के गुण पाए जाते हैं। देव गण वाले जातक बेहद शांत और सरल स्‍वभाव के होते हैं। इनमें दान-पुण्‍य करने का गुण भी विद्यमान रहता है ज‍ब‍कि मनुष्‍य गण के जातक सामान्‍य व्‍यवहार करते हैं।

ये है इंसान के गण के बारे में –  अपनी जन्‍म कुंडली के आधार पर आप बड़ी आसानी से अपने गण और उससे जुड़ी विशेषताओं के बारे में जान सकते हैं।

अपने गण के बारे में जानने के बाद अपने भविष्‍य और दूसरों के साथ अपने आचरण के बारे में बड़ी आसानी से जाना जा सकता है

ये भी पढ़े: 35 की उम्र के बाद बदलती है इन लोगों की किस्मत

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