दिलेर समाचार, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में पिछले पचास सालों से मिथिलावासी के बीच कार्यरत अखिल भारतीय मिथिला संघ का आकर्षक लोगो (प्रतीक चिन्ह) और संस्था गीत संस्था के अध्यक्ष श्री विजय चन्द्र झा ने आज प्रेस वार्ता के दौरान जारी किया। प्रेस वार्ता के दौरान श्री झा ने बताया कि24 दिसंबर को राजधानी दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय मिथिला संघ अपना स्वर्ण जयंती समारोह मना रहा है। इसी क्रम में आज लोगो और संस्था गीत जारी किया गया। संघ का लोगो हस्तशिल्प संस्था, मधुबनी से जुड़े युवा कलाकार राकेश कुमार झा ने तैयार किया है। इस लोगो में मिथिला की संस्कृति के प्रतीक-चिन्हों यानी पाग, पान, मखाना और मछली के साथ लोक देवता सलहेस के घोड़े को शामिल किया गया है। संस्था के गीत को डॉ. चंद्रमणि ने लिखा है, जिसे प्रसिद्ध मैथिली गायक अवनींद्र ठाकुर ने स्वर दिया है। इस गीत में मिथिला की सांस्कृतिक विशेषताओं के साथ अखिल भारतीय मिथिला संघ के उद्देश्यों और पचास साल के सफर की उपलब्धियों का उल्लेख किया गया है।
इस मौके पर संघ के अध्यक्ष विजय चंद्र झा ने जानकारी दी कि लोगो और संस्था गीत किसी भी संस्था की पहचान होती है। इस संस्था के बैनर तले देश और विदेश में फैले मिथिला के तमाम लोगों को जोड़ा जायेगा। सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम को पर्यटन की दृष्टि से विकासित करने और इसे रामायण सर्किट से जोड़ने की मुहिम में भी अखिल भारतीय मिथिला संघ शामिल है। इस मामले में राज्यसभा में आवाज उठाई गई है। तालकटोरा स्टेडियम में आगामी 24 दिसंबर को मैथिली कला, संस्कृति, भाषा और साहित्यपर विचार-विमर्श करने के साथ उल्लेखनीय काम करने वाले हस्तियों को मिथिला की विभूतियों के नाम पर स्थापित बाबा साहेब चौधरी सर गंगानंद,नागार्जुन और भोगेंद्र झा सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
अखिल भारतीय मिथिला संघ के अध्यक्ष विजय चंद्र झा ने बताया कि संस्था ने दिल्ली के साथ-साथ मिथिला तक कला और संस्कृति सहित मैथिली भाषा के विकास को लेकर काफी कार्य किया है। मैथिल समाज के लोगों के लिए अनेक कार्य करने के साथ-साथ संघ के प्रयास से जहां मैथिली भाषा को संविधान की अष्टम सूची में स्थान मिला, वहीं राजधानी दिल्ली में मैथिली अकादेमी की स्थापना भी हुई। मिथिला क्षेत्र में बड़ी लाइन बनवानेऔर तेज गति की ट्रेनों को शुरू करवाने का अथक प्रयास लगातार संघ ने किया है। संस्था मिथिला क्षेत्र की कला, साहित्य सहित पुरा-महत्व के स्थलोंके संवर्धन और पर्यटन के विकास के लिए भी लगातार प्रयासरत है। संघ ने बिहार के मिथिला क्षेत्र के साथ-साथ राजघानी दिल्ली में रहने वाले मिथिलाके लोगों के हित में भी कई कदम उठाए हैं।
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