दिलेर समाचार, चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स से साफ साफ कह दिया है कि वे कोरोना वैक्सीन लगवा लें, अन्यथा बाद में संक्रमित होने पर राज्य सरकार उनके इलाज का खर्च नहीं उठाएगी. स्वास्थ्य कर्मियों के लिए वैक्सीन की पहली खुराक लेने की अंतिम तिथि 19 फरवरी से बढ़ाकर 25 कर दी गई है. इसके बाद यदि कोई संक्रमित होता है तो उसे खुद के इलाज का भुगतान करना होगा, अभी तक सरकार कोरोना संक्रमितों का इलाज करा रही थी. सरकार ने ऐसा निर्णय उन रिपोर्ट्स को देखते हुए लिया है जिसमें कहा गया है कि वैक्सीन लगवाने बहुत कम संख्या में लोग आ रहे हैं. वहीं देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की सूचना है.
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने आज एक बयान में कहा कि वे हेल्थ वर्कर्स जिन्होंने अपनी प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए वैक्सीन नहीं लगवाया है, जबकि उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए दोबारा अवसर दिया गया था. यदि बाद में उन्हें कोरोना संक्रमण होता है तो इसके इलाज का खर्च उन्हें ही करना होगा और उन्हें क्वारंटीन और आइसोलेशन छुट्टी के लाभ की अनुमति नहीं होगी.
सिद्धू ने कहा कि पंजाब में COVID-19 मामले हाल के दिनों में बढ़े हैं, और 20 फरवरी को रिपोर्ट किए गए 358 मामलों के साथ, करीब 3,000 मामले पंजाब में सक्रिय हैं. जबकि तीन सप्ताह पहले केवल 2,000 सक्रिय मामले थे या 33 प्रतिशत वृद्धि हुई थी.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'किसी भी अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगवाने की सख्त जरूरत है. पंजाब उन छह राज्यों में शामिल है जहां COVID-19 मामले बढ़ रहे हैं और हमें इसे दूसरी लहर की तरह लड़ने की तैयारी करनी चाहिए.' सिद्धू ने कहा, 'इन बढ़ते मामलों से संकेत मिलता है कि COVID-19 अभी खत्म नहीं हुआ है. पंजाब में कोरोना संक्रमण मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा सकती है. ऐसे में COVID -19 उचित व्यवहार जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, हैंड सैनिटाइजेशन श्वसन नियम का पालन करना जरूरी है.
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