दिलेर समाचार, नई दिल्ली. महामारी के बाद जैसे-जैसे कारोबार पटरी पर आ रहा है, सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होती जा रही. अब वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाल से CNBC-TV18 ने दावा किया है कि अप्रैल में वस्तु एवं सेवा कर (GST) वसूली बढ़कर 1.45-1.50 लाख रुपये पहुंच सकती है.
अगर ऐसा होता है तो यह साल 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक की सबसे ज्यादा वसूली होगी. पिछले कुछ महीने से लगातार जीएसटी वसूली बढ़ती जा रही है. मार्च में यह 1.42 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई थी, जो एक रिकॉर्ड है. साथ ही यह एक महीने पहले यानी फरवरी के मुकाबले 6.8 फीसदी ज्यादा भी थी. जीएसटी वसूली का दूसरा बड़ा रिकॉर्ड अप्रैल 2021 में बना था, जब कुल 1.41 लाख करोड़ रुपये की वसूली हुई थी.
वित्तवर्ष 2021-22 में कुल जीएसटी कलेक्शन 14.83 लाख करोड़ रुपये रहा, जो इससे पहले के वित्तवर्ष के मुकाबले करीब 30 फीसदी ज्यादा है. 2020-21 में कोरोना महामारी की वजह से जीएसटी कलेक्शन काफी कम रहा था और महज 11.37 लाख करोड़ रुपये की वसूली हुई थी. वित्त मंत्रालय ने जीएसटी वसूली में आई तेजी का श्रेय कर चोरी पर कसी लगाम और इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में किए गए सुधारों को दिया है.
मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अप्रैल में भी जीएसटी वसूली 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहने का पूरा अनुमान है. ऐसा होता है तो यह लगातार 10वां महीना होगा जब जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहेगा. जुलाई, 2021 में 1,16,393 करोड़ रुपये की जीएसटी वसूली हुई थी, जिसके बाद से कभी यह 1 लाख करोड़ से नीचे नहीं गई है. हालांकि, मई में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद जून, 2021 में जीएसटी वूसली घटकर 92,800 करोड़ रुपये रह गई थी.
जीएसटी वसूली में लगातार इजाफे के बीच वित्त मंत्रालय इसकी दरों को घटाने पर विचार कर रहा है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोमई की अगुवाई में गठित मंत्रियों के समूह ने वित्त मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में जीएसटी दरों की संख्या घटाने का सुझाव दिया है. माना जा रहा है कि अगले महीने होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर चर्चा भी की जाएगी और सबकुछ सही रहा तो जीएसटी की मौजूदा दरों में कटौती की जा सकती है.
Copyright © 2016-23. All rights reserved. Powered by Dilersamachar