दिलेर समाचार, गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) क्रेडिट करने वाले कारोबारियों के लिए बुरी खबर है। जुलाई में विभिन्न कंपनियों की तरफ से जो क्रेडिट दावे किए गए हैं उनमें से करीब 20 प्रतिशत दावों को ही वैध माना गया है जबकि बाकी 80 दावों पर अंगुली उठ गई है। सरकार का अनुमान है कि कंपनियों द्वारा जुलाई में किए गए पहले के 65 हजार करोड़ रुपए के क्रेडिट दावों में से महज 12 हजार करोड़ रुपए के दावे ही वैध हैं। इस बात की पुष्टि वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने करते हुए बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद 95 हजार करोड़ रुपए का कर संग्रह किया गया जिसमें से कंपनियों ने 65 हजार करोड़ रुपए के पुराने क्रेडिट दावे किए हैं। इसकी सघन जांच करने के बाद इसमें से महज 12 हजार करोड़ रुपए के क्रेडिट दावे वैध पाये गये।
अधिकारी ने ये भी बताया कि कर प्राधिकरण केवल व्यवस्था में बदलाव के समय के क्रेडिट दावों का ही सत्यापन कर रहा है। वे किसी करदाता की जांच पड़ताल नहीं कर रहे हैं। अधिकारी ने आंकड़े स्पष्ट करते हुए बताया कि शिक्षा उपकर, टेलिकॉम टावर पर क्रेडिट मान्य नहीं है लेकिन कई निकायों ने इसका दावा किया हुआ था।
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