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गुजरात: दलित नेता भानुभाई की मौत के बाद प्रदेश में विरोध, पाटण, उंझा शहर बंद

Posted at: Feb 18 , 2018 by Dilersamachar 9815

दिलेर समाचार, अहमदाबाद। गुजरात में सरकार की ओर से दी जाने वाली जमीन का हस्तारंण नहीं होने से पाटण कलेक्टर कार्यालय के बाहर आत्मदाह करने वाले दलित नेता भानुभाई वणकर की देर रात मौत हो गई।

पचास फीसद जलने के बाद उन्हें इलाज के लिए पहले पाटण लाया गया। वहीं तबीयत बिगड़ने पर अहमदाबाद के अपोलो हॉस्पिटल में रेफर किया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। गाँधीनगर की सिविल अस्तपाल में उनके परिजनों की उपस्थिति में शव का पोस्टमोर्टम किया जा रहा है। भानुभाई के परिजनों ने दोपहर को एक पत्रकार परिषद भी बुलाई है।

उधर भानुभाई की मौत की खबर आते ही जगह-जगह राज्य सरकार के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। ऊंझा, शंखेश्वर और पाटण में दलित संगठनों द्वारा बंद का ऐलान किया गया है। यहां कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। यहां एसआरपी की दो कंपनियां तैनात की गई हैं। अहमदाबाद के ओढव क्षेत्र में भी शनिवार सुबह दुकानें बंद करवाने भारी संख्या दलित समाज लोग सड़क पर आ गए। हालांकि पुलिस के कड़े बंदोबस्त की वजह से यहां अब तक कोई हिंसा नहीं हुई है।

गौरतलब है कि जमीन की मांग को लेकर भानुभाई प्रसाद वणकर गुरुवार को हेमाबेन व रामाभाई के साथ पाटण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। जहां खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा लगी थी। ऊना के बाद एक बार फिर दलित उत्पीड़न व आत्मदाह की घटना को लेकर प्रदेश सरकार की चारों ओर आलोचना हो रही है।

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