दिलेर समाचार, अहमदाबाद। गुजरात और खासकर अहमदाबाद में महिलाओं की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। गुजरात डीजीपी के आंकड़ों के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों से राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं जिसमें बलात्कार के अलावा छेड़छाड़, दहेज के लिए हत्या और प्रताड़ित किए जाने के मामले शामिल हैं।
इन आंकड़ों के तहत गुजरात में हर दिन 14 महिलाएं किसी न किसी तरह के अपराध का शिकार होती हैं। इनमें भी प्रतिदिन 6 महिलाएं बलात्कार, यौन शोषण या दहेज प्रताड़ना का शिकार होती हैं। वहीं अहमदाबाद में प्रत्येक दूसरे दिन एक छेड़छाड़ का मामला और प्रत्येक छठे दिन में एक बलात्कार का मामला सामने आता है। महिलाओं के खिलाफ अपराध में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दहेज मामलों में हुई है।
इसमें 2016 में जहां दहेज उत्पीड़न के 86 मामले दर्ज हुए थे वहीं 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 656 हो गया था। इसमें भी अहमदाबाद में मामले 2016 से शून्य से बढ़कर 133 तक हो गए। वहीं दहेज हत्या के मामले में कुछ कमी आई। इसमें 2016 के 168 मामलों में 2017 में 121 मामले सामने आए। वहीं यौन उत्पीड़न के मामले भी घटकर 43 से 34 हो गए।
सही समय में सेक्स एजुकेशन जरूरी
सीआईडी क्राइम (साइबर ऐंड वुमन सेल) के अडिशनल डीजीपी अनिल प्रथम ने इस मामले में कहा, 'हमने महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए 181 हेल्पलाइन नंबर से लेकर 'फ्रेंड्स ऑफ वुमन ऐंड चाइल्ड' नाम से प्रोग्राम आयोजित कराए। इसमें महिलाएं मुसीबत के समय कहां-कहां मदद ले सकती है इस बारे में बताकर उन्हें जागरूक किया जाता है।
क्लीनिकल साइकॉलजिस्ट इति शुक्ला ने कहा, 'महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले में बढ़ोतरी की वजह स्टूडेंट्स को सही समय में सेक्स एजुकेशन का न दिया जाना है। उनका कहना है कि हॉर्मोनल बदलाव शुरू होने पर इस तरह की शिक्षा जरूरी है।
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