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आधे हिंदुस्तान में बाढ़ से भारी तबाही..बिहार और यूपी में बाढ़ से अब तक करीब एक सौ नब्बे की मौत

Posted at: Aug 19 , 2017 by Dilersamachar 9586

दिलेर समाचार,बिहार के सीमांचल क्षेत्रों और नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। नदियों के जलस्तर में वृद्धि के काराण बाढ़ की स्थिति गंभीर बनती जा रही है। बिहार के 17 जिलों में बाढ़ का पानी फैल गया हैजिससे करीब एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 153 तक पहुंच गई है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि राज्य के 17 जिलों के 156 प्रखंडों की 1.08 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। 

राज्य में गुरुवार को बाढ़ से मरने वालों की संख्या 119 से बढ़कर शुक्रवार को 153 तक पहुंच गई। अररिया में सबसे ज्यादा 30 लोगों की मौत हुई हैजबकि किशनगंज में 11, पूर्णिया में नौकटिहार में सात,पूर्वी चंपारण में 11, पश्चिमी चंपारण में 23, दरभंगा में चारमधुबनी में आठसीतामढ़ी में 13, शिवहर में तीनसुपौल में 11, मधेपुरा में नौ,गोपालगंज व सहरसा में चार-चारमुजफ्फरपुर में एकखगड़िया में तीन तथा सारण में दो व्यक्ति की मौत हुई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी से घिरे 464 लाख लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में 1,289 राहत शिविर खोले गए हैंजिसमें करीब 392 लाख लोग शरण लिए हुए हैं।  उन्होंने बताया कि 1,765 सामुदायिक रसोई खोली गई हैजिसमें करीब साढ़ेतीन लाख से ज्यादा लोगों को खाना खिलाया जा रहा है। 

इधरमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों से बाढ़ से प्रभावित परिवारों को समय पर राहत देने को कहा है। साथ ही कुछ और नए इलाकों में खाने के पैकेट गिराने के आदेश दिए हैं। शुक्रवार को पटना में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ से संबंधित समीक्षा बैठक में नीतीश ने कई और महत्वपूर्ण निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने शुक्रवार की रात तक किशनगंज से अररिया होते हुए बहादुरगंज जाने वाली सड़क को 'रि-स्टोरकरने का निर्देश पथ निर्माण विभाग को दिया। उन्होंने कहा कि इस सड़क के बनने से बाढ़ राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर किया जा सकेगा। इस काम के लिए 'बर्डर रोड ऑर्गनाइजेशनकी सहायता लेने को भी कहा हैजिससे क्षतिग्रस्त सड़कोंपुल-पुलियों की मरम्मत में आसानी हो। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्य को और तेज करने का निर्देश दिया।

इधरराज्य की कई प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी आई हैजिससे बाढ़ का पानी कई इलाकों से निकल रहा हैलेकिन अब भी कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता शेषनाथ सिंह ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि वीरपुर बैराज में कोसी नदी का जलस्तर1.60 लाख क्यूसेक दर्ज किया गयाजबकि वाल्मीकिनगर बैराज मेंगंडक का जलस्तर 1.52 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। इधरबागमती नदी डूबाधारसोनाखान और बेनीबाद मेंजबकि कमला बलान नदी झंझारपुर में खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। अधवाड़ा समूह की नदियां भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाए जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि कई इलाकों को बाढ़ का पानी निकल रहा हैतो कई नए इलाकों में फैल भी रहा है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ)एसडीआरएफ और सेना के जवानों को लगाया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया कि सभी प्रभावित क्षेत्र में आवश्यक दवाएं,ब्लीचिंग पाउडर एवं सर्पदंश से संबंधित दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा दी गई हैं।

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