इस बार यह राशि के शनि के अडैया प्रभाव मे है,कर्मक्षेत्र मे दिक्कतों का सामना हो सकता है,कानूनी,चिकित्सा सम्बंधी परेशानियों से दो-चार होना पड़ेगा,कोर्ट कचहरी के मामलो मे जीत मिलेगी, केतु महाराज पंचम भाव मे उदर विकार,बुद्धि भ्रम शिक्षा सम्बंधी कार्यों मे रुकावट दे सकता है,मित्रों से व्यवहार बना कर रखे,संतान की ओर विशेष ध्यान दें,राहु महाराज इस समय लाभ मे है,राहु व्यय स्थान से खर्च मे वृद्धि करेगा,छठे भाव का केतु रोग ऋण शत्रु को नष्ट करेगा,आपके गुप्त शत्रु नष्ट होंगे,यह केतु इस वर्ष आपकी सफलता का परचम लहरायेगा,कष्टों मे कमी होगी,गुरु ग्रह तीसरे भाव मे शुभ स्थिति मे है,पद,वाहन,सामाजिक ख्याति का लाभ,व्यक्तित्व,तथा भाग्य को उत्तम सहयोग प्रदान करेगा,आमदनी के स्त्रौत्र मे वृद्धि होगी,विवाह आदि मांगलिक कार्यों का योग आमदनी के साधन मे वृद्धि होगी ,शनि ग्रह का पंचम स्थान मे आना शिक्षा,संतान सम्बंधी कुछ कष्ट का संकेत देता है,जो वरिष्ठ गुरुजनों के सहयोग कम होगा,आर्थिक क्षेत्र मे कुछ संघर्ष का योग बनेगा,आर्थिक क्षेत्र मे संयम पूर्वक कार्य करें,वरिष्ठ लोगों की कृपा व मार्गदर्शन आर्थिक क्षेत्र मे विशेष मदद करेगी।
महिलाओं के लिये-यह वर्ष इस राशि की महिलाओ के लिये मिला जुला फल देने वाला है,मांगलिक कार्यों के प्रबल योग, आप अविवाहित है तो विवाह के योग बनेंगे,यदि आप किसी प्रेम सम्बन्ध मे है तो प्रेम विवाह के प्रबल योग बन रहे है,नौकरी रोजगार मे सफलता प्राप्त होगी,
बाहरी क्षेत्रों मे प्रवास का योग,इस वर्ष आपके गुप्त शत्रु ख़त्म होंगे,आपको अपने छिपे हुए शत्रु की चालों का पता समय से पूर्व ही मालूम हो जायेगा,जिसका आप बेहतरीन जवाब दे पायेंगे।
व्यापारी वर्ग-इस राशि के व्यापारियों के लिये समय शुभ व अनुकुल है,नवीन कार्यों का विस्तार होगा,साझीदारी से जुड़े कार्यों मे सफलता के योग,साझीदारी से जुड़े हुए कार्य मे आ रही परेशानी दूर होगी,नवीन सम्बंधों की वृद्धि का योग, आर्थिक ऋण से जुड़ी समस्या हल होगी,आर्थिक लेनदेन सामजिक स्थिति मे सुधार होगा,धन प्राप्ति,वित्तीय प्रबंधन मे थोड़ी दिक्कतों का योग,आपके कार्यों मे मित्रों का आपको विशेष सहयोग मिलेगा,नये कामों की शुरुआत भी हो सकती है,आर्थिक क्षेत्र मे अपने करीबी लोगो से मदद मिलेगी,कामकाज मे वृद्धि के योग,वरिष्ठ लोगो की कृपा प्राप्त होगी,नई योजनाओं का विस्तार होने का योग है,समय शुभ है,इसका लाभ उठाए।
कर्मचारी वर्ग-इस वर्ग के लिये यह वर्ष अत्यंत अनुकुल है,विवादों का खात्मा होगा,भाग्य से पदोन्नति के योग,शत्रु पक्ष के षडयंत्र,रोग आदि से राहत मिलेगी स्वयं के कार्यक्षेत्र मे उन्नति और प्रतिष्ठा वृद्धि के योग,किसी पुराने प्रकरण मे निर्णय आपके पक्ष मे हो सकता है,कोई पुरानी जाँच या शिकायत का निपटारा आपके पक्ष मे होगा,महत्वपूर्ण कार्यों मे सफलता प्राप्त होगी,साझीदारी से जुड़े कार्यों मे विशेष असफलता प्राप्त का योग,यात्रा के दौरान सावधानी बरतें।
विद्यार्थी वर्ग-इस वर्ष आपको शिक्षा के क्षेत्र मे सामान्य कष्ट के योग है,शनि का पंचम भाव से भ्रमण शिक्षा के क्षेत्र मे सामान्य परेशानी के योग देता है,आलस्य ,विलासिता,प्रेम सम्बन्ध दोस्ती यारी आपके लिये संकटपूर्ण स्थिति खड़ी करेगा इन सबसे बचें यदि इस वर्ष आप बेहतरीन परिणाम चाहते है तो अन्यथा परिणाम प्रतिकूल हो सकते है,पढ़ाई मे मन एकाग्र करें,सोशल मीडिया से दूरी बनायें अन्यथा व्यर्थ की परेशानी गले पड़ेगी।
स्वास्थय- इस वर्ष स्वास्थय की दृष्टि से आपको अनुकुल परिणाम प्राप्त होंगे,यदि आप शांत व एकाग्रचित्त रहेंगे किसी एक चिकित्सक पर भरोसा करेंगे तो आपकी बीमारी का निश्चित समाधान आपको मिलेगा,छठे भाव का केतु जोडो मे दर्द गुप्त रोग तथा अज्ञात बीमारियों से आपको मुक्त कर सकता है, छठा केतु सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने मे समर्थ है इसीलिये चिंता की कोई बात नही किसी भी प्रकार की स्वास्थय सम्बंधी परेशानी मे शांति बनाये रखने तथा आहार विहार मे सुधार रखने से ही लाभ होगा,यह वर्ष आपके स्वास्थय को अत्यंत अनुकुल रखेगा,पुराने रोगों मे सुधार भी होगा।
वास्तु और दिशा-इस राशि के लिये उत्तर और पूर्वोत्तर दिशा अत्यंत शुभ होती है तीसरा गुरु इस समय आपके लिये उत्तर दिशा से अनुकुल परिणाम मिलने के संकेत दे रहा है पइस वर्ष आपके सभी ग्रह अत्यंत अनुकुल स्थिति मे है,सभी दिशाओं मे जाकर कार्य कर सकते हैआपके लिये समय विशेष लाभदायक है,दक्षिण पश्चिम दिशा मे भी आप सफल होकर लौटेंगे।
पूजा पाठ,इष्ट आराधना-आपके इष्ट देवता भगवान विष्णु तथा हनुमानजी है इनकी सेवा से आपके सभी मनोरथ सिद्ध होंगे,शनि सम्बंधित कष्टों से राहत के लिये आपको पीपल को दीपक भी लगाना चाहिये, भगवान दत्तात्रेय तथा गुरुओं की पूजा आपको विशेष लाभ देंगी,शनिवार को हनुमानजी की सेवा तथा सुंदरकांड का पाठ सभी संकटों से पार करायेगा।