Logo
April 24 2024 11:57 AM

जीवन में प्रेम न हो तो, इंसान अधूरा माना जाता है - श्रद्धा कपूर

Posted at: Dec 15 , 2017 by Dilersamachar 9815

दिलेर समाचार, तसुभाष शिरढोनकर ’तीन पत्ती’ (2010) और ’लव का द एंड’ (2011) जैसी फिल्मों के साथ कैरियर की शुरूआत करने वाली और ’आशिकी 2’ (2013) के साथ पहली बार सुर्खियों में आईं श्रद्धा कपूर इन दिनों अपनी नाकामी को लेकर काफी परेशान हैं।

’आशिकी 2’ (2013) के बाद श्रद्धा कपूर की ’एक विलेन’ (2014), ’हैदर’ (2014),’एबीसीडी 2’ (2015) और ’बागी’ (2016), अच्छी खासी हिट साबित हुईं लेकिन ’ए फ्लाइंग जट’ (2016), ’रॉक ऑन !! 2’ (2016), ’ओके जानू’ (2017), ’हॉफ गर्लफ्रेंड’ (2017), और ’हसीना पारकर’ (2017), की नाकामी ने श्रद्धा कपूर की विश्वसनीयता को बुरी तरह आहत किया है।

’हसीना पारकर’(2017) को लेकर श्रद्धा कपूर बेहद उत्साहित थीं। रिलीज से पहले उनका दावा था कि वह रूटीन टाइप फिल्म न होकर काफी हद तक सच्चाई के करीब है, इसलिए उन्हें फिल्म की कामयाबी पर बेहद भरोसा था। इस फिल्म के लिए श्रद्धा ने अपना सब कुछ झोंक दिया लेकिन फिल्म की नाकामी ने उनके भरोसे को चकनाचूर कर दिया। 

इन दिनों श्रद्धा कपूर, बाहुबली फेम प्रभास के साथ हिंदी, तमिल और तेलगू में बनने वाली फिल्म ’साहो’ की शूटिंग कर रही है। इसे लेकर वह काफी उत्साहित है। हिंदी और तेलगू में 150 करोड़ बजट वाली इस फिल्म के लिए प्रभास को 30 और श्रद्धा कपूर को 9 करोड़ का पारिश्रमिक मिला है। इसके पहले श्रद्धा को महज 4 करोड़ मिलते रहे हैं।

’हसीना पारकर’ के बाद श्रद्धा कपूर, बैडमिंटन प्लेयर साइना नेहवाल की बायोपिक ’सान्या’ कर रही हैं।  इसमें वह साइना की तरह बैडमिंटन खेलती नजर आएंगी। प्रस्तुत है श्रद्धा कपूर के साथ बातचीत के मुख्य अंशः

आप अपनी पिछली फिल्मों की नाकामी को लेकर कितनी परेशान हैं?

उतार-चढ़ाव हर इंसान की जिंदगी का एक हिस्सा होते हैं, मैं भी इससे अछूती नहीं हूं। आज यदि मैं अच्छे फेज में नहीं हूं तो खराब फेज़ भी नहीं है। मैं जिस तरह की डिफरेंट रोल्स वाली फिल्में चुन रहीं हूं, उन्हें देखते हुए मुझे यकीन है कि आने वाले वक्त में लोग मुझ पर गर्व करेंगे।

आपकी इमेज एक खूबसूरत और ग्लैमरस एक्ट्रेस की रही है। ’हसीना पार्कर’ में अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर का नॉन ग्लैमरस किरदार करना, लोगों को आपकी बड़ी भूल लगता है ?

न तो मैं उसे अपनी भूल कहूंगी और न मुझे उस पर किसी तरह का पछतावा है। वह एक फिल्म थी और उसमें मैने एक किरदार निभाया था। बस इसके अलावा मैं उस बारे में और कुछ नहीं सोचती।

सुना है कि ’साहो’ के मेकर्स के सामने आप इस बात को लेकर जिद पर अड़ी हैं कि इसके हिंदी तमिल और तेलगू सभी वर्जन में आप अपने डॉयलोग खुद की आवाज में डब करेंगी ?

ऐसी भाषाएं जो मेरे लिए पूरी तरह अनजान है, उसमे अपने डॉयलोग अपनी आवाज में डब करना मेरे लिए काफी मुश्किल होगा, यह बात मैं अच्छी तरह जानती हूं लेकिन मैं चाहती हूं कि जितना बन सके, मैं इसके लिए मेहनत करूं। इस फिल्म को लेकर मैं गजब के जोश में हूं। मैं चाहती हूं कि तीनों भाषाओं के वर्जन में अपने डायलॉग अपनी आवाज में डब करूं लेकिन यह सब कुछ पूरी तरह निर्देशक पर डिपेंड करता हैै कि वह क्या चाहते हैं। अगर वो मान जाते हैं तो यकीनन मैं अपने डायलोग खुद डब करना चाहूंगीं।

साइना नेहवाल की बायोपिक को लेकर क्या महसूस करती हैं ?

मैं इसे लेकर काफी एक्साइटेड हूं। साइना ने सारी जिंदगी बैडमिंटन खेलते हुए बिताई है और मुझे कुछ महीने की ट्रेनिंग में उनकी सारी जिंदगी को सिल्वर स्क्रीन पर उतारना है, इसलिए मेरे लिए यह अब तक की सबसे मुश्किल और चुनौतीपूर्ण फिल्म है। साइना न केवल नंबर 1 बैडमिंटन प्लेयर हैं बल्कि यूथ आइकन भी हैं। मुझे गर्व है कि मैं उनका किरदार निभा रही हूं। मैं जानती हूं कि इसके लिए मुझे काफी तैयारियां करनी पड़ेंगी।

कोई फिल्म साइन करते हुए आप उसमें क्या देखती हैं ?

मैं सिर्फ रोल्स के आधार पर फिल्में चुनती हूं लेकिन अच्छे रोल के लिए मैं किसी से भीख नहीं मांग सकती। अपने किरदार के अलावा कोशिश करती हूं कि फिल्म की कहानी ऐसी हो जो दर्शकों के दिलों को छू सके। मैं खुद में उस फिल्म का दर्शक खोजती हूं। अपने आप से पूछती हूं कि क्या मुझे ये कहानी पसंद आएगी, क्या एक दर्शक के रूप में मैं ये फिल्म देखूंगी ?

क्या बैनर और निर्देशक आपके लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं ?

बिलकुल हैं। बैनर कम से कम ऐसा तो होना ही चाहिए जो अपनी अनाउंस फिल्म को पूरा कर ठीक तरह से रिलीज कर सके। एक अच्छा निर्देशक फिल्म का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष होता है। उसके महत्व से कैसे इन्कार किया जा सकता है लेकिन फिल्म साइन करते वक्त मैं इस बात पर बिलकुल ध्यान नहीं देती कि फलां बैनर, या फलां निर्देशक की पिछली फिल्म हिट थी या फ्लॉप ?

आप रोमांटिक या भावनात्मक व सशक्त किरदार वाली फिल्मों में से किसे प्राथमिकता देंगी ?

हर फिल्म की अपनी चुनौती होती है। मैं यह नहीं कह सकती कि प्रेम कहानी वाली फिल्में करना मुश्किल होता है या भावनात्मक फिल्में करना मुश्किल होता है। मेरे लिए बेहतर काम करना और अपने काम में सुधार लाना ज्यादा महत्वपूर्ण है।

’प्यार’ को इंसानी जिंदगी में आप कितना महत्वपूर्ण मानती हैं ?

जिंदगी में प्यार सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण होता है। किसी के प्यार में होना आपकी जिंदगी में किसी पार्टनर का होना आपको संपूर्णता का एहसास कराता है। जीवन में प्रेम न हो तो इंसान अधूरा माना जाता है।

अब तक आपने आदित्य राय कपूर, वरूण धवन, शाहिद कपूर, टाइगर श्रॉफ और फरहान अख्तर जैसे कई स्टार्स के साथ काम किया। इनमें सबसे खास किसे मानती हैं।

बेशक मैंने, इतने सारे हीरोज के साथ काम किया है लेकिन मेरी दोस्ती सिर्फ फरहान के साथ ही रही है। ’रॉक ऑन !! 2’ के बाद से हमारी दोस्ती और भी गाढी हुई है।

फरहान और आपके बीच दोस्ती के अलावा और भी कुछ है ?

फरहान बेहद संवेदशील, समझदार अदाकार और इंसान हैं। फरहान की जिस खूबी ने मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित किया वह है उनका बेहद सादगीपूर्ण व्यवहार। वे बेहद स्वीट व केयरिंग हैं। अभी मैं एक्टिंग कर रही हूं और यही करना चाहती हूं। प्यार मोहब्बत के फेर में फंसने के बाद शायद मुझसे एक्टिंग नहीं हो सकेगी। जब रोमांटिक लाइफ शुरू होगी, मैं उसे नितांत गोपनीय रखना चाहूंगी। इसलिए मुझे मजबूरन इंडस्ट्री को अलविदा कहना होगा।

अपने कैरियर को लेकर क्या सोचती हैं ?

मैैं भाग्यशाली हूं कि बॉलीवुड में हूं और इससे भी ज्यादा भाग्यशाली मैं खुद को इसलिए मानती हूं कि काम पाने के लिए मुझे कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ा। मौके हर किसी के जीवन में आते है, बस आपको उन्हें पहचानकर, उनका लाभ उठाना आना चाहिए। अगर आप सही हैं तो टिकेंगे और अगर नहीं हैं तो कैरियर खत्म। मुझे लगता है कि मैंने अच्छा काम किया है और मैं आज जो भी हूं अपनी मेहनत की वजह से हूं।

ये भी पढ़े: चुनावी मौसम में बिगड़ते नेताओं के बोल

Related Articles

Popular Posts

Photo Gallery

Images for fb1
fb1

STAY CONNECTED