दिलेर समाचार, दिल्ली. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए रेलवे से सेवानिवृत अधिकारी प्रमोद कुमार जेना की अकूत संपत्ति का खुलासा किया है. जेना के आवास सहित अन्य लोकेशन पर छापेमारी की तो सीबीआई के अधिकारियों के भी होश फाख्ता हो गए. जांच -पड़ताल के दौरान करीब 17 किलोग्राम ज्वेलरी (अनुमानित बाजार मूल्य करीब साढे नौ करोड़ रुपये), करीब एक करोड़ 57 लाख की नगदी , करीब पौने पांच करोड़ का फिक्स्ड डिपॉजिट सहित करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी के दस्तावेजों देखकर उनकी आंखें खुली रह गई.
इसके साथ ही सीबीआई ने औपचारिक पर ये भी बताया कि इस आरोपी का और उसके परिजनों के नाम पर आठ बैंक लॉकर भी हैं जिसे खोला जाना अभी बाकी है. आरोपी प्रमोद कुमार जैना भारतीय रेलवे से सेवानिवृत्त अधिकारी रहे हैं. वो 1989 बैच के अधिकारी रहे हैं . प्रमोद कुमार जेना भुवनेश्वर में कार्यरत थे. नौकरी के दौरान उन्होने करीब एक करोड़ 92 लाख 21 हजार रुपये अर्जित किए लेकिन फिलहाल अभी मौजूदा रकम और संपत्तियों को देखकर एक अनुमान लगाया जा रहा है कि उनकी आय से करीब 59.09 फीसदी ज्यादा कमाई उन्होंने की है. सीबीआई के मुताबिक एक जनवरी 2005 से लेकर 31 मार्च 2020 के दौरान अवैध तौर पर कमाई ज्यादा की गई है .
सीबीआई की टीम जब इस मामले में सर्च ऑपरेशन को अंजाम दे रही थी तब तफ्तीशकर्ताओं को आठ लॉकर की जानकारी मिली, जिसमें की तीन लॉकर तो आरोपी प्रमोद कुमार जेना की पत्नी के नाम से हैं , जबकि पांच अन्य लॉकर किसी अन्य के नाम से हैं, जो नाम उनके परिवार के सदस्य भी नहीं हैं. अब सीबीआई ये भी जांच पड़ताल कर रही है कि वो बेनामी लॉकर का असली मालिक कौन है ? क्या प्रमोद जेना ही अन्य लोगों के नाम से लॉकर की सेवा ले रहा था या कोई और बेनामी लॉकर धारक है . जांच एजेंसी को ऐसा लग रहा है की जब लॉकर के मालिक के सामने इसे खोला जाएगा तब उससे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और काफी संपत्ति को जब्त किया जा सकता है .
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