दिलेर समाचार, चित्रकूट: मध्यप्रदेश के चित्रकूट में हुए उपचुनाव के दौरान यहां का तुर्रा गांव काफी चर्चा में रहा. इतना ही नहीं यहां का शौचालय भी चुनाव की दिशा तय करने वाला रहा. मुख्य मंत्री ने चुनाव प्रचार के दौरान एक रात यहां गुजारी थी और ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि सीएम के इस कदम से तुर्रा गांव सहित आसपास के मतदाताओं का मूड बदलेगा. लेकिन मुख्यमंत्री के आने से ठीक पहले गांव के सरपंच के घर पर टॉयलेट बनाने और उसे उखाड़ने के मामले से शायद जनता भी उखड़ गई और इसका असर नतीजों में देखने को मिला.
तुर्रा गांव में कुल 1042 वोटरों हैं. इसमें से कांग्रेस के उम्मीतदवार नीलांशु को 413 और भाजपा के उम्मीेदवार शंकरदयाल को सिर्फ 203 मिले. इतना ही नहीं भाजपा प्रत्याशी शंकरदयाल त्रिपाठी अपने ससुराल सिंहपुर में भी हार गए. यहां कांग्रेस उम्मीादवार को 519 और भाजपा को 196 वोट मिले.
गौरतलब है कि चित्रकूट में उपचुनाव के चुनाव प्रचार के दौरान सीएम तुर्रा गांव के जिस आदिवासी के घर रात को रुकने वाले थे. वहां सीएम के पहुंचने से पहले ही उनके समर्थकों ने वीवीआईपी इंतजाम कर दिए थे. मुख्यमंत्री ने लालमन सिंह गोंड के यहां रात में खाना खाया. खाने की पत्तल में चने का साग, आलू-बैंगन का भर्ता और पूरी का इंतजाम था. उनके वहां पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री के इस्तेमाल की हर चीज पैक कराके मंगवाई गई, कमरे में रंग रोगन हुआ, नया पलंग गद्दे आए और शौचालय भी बनाया गया था.
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