हाथों की रेखाएं हमारी जीवन लीला का बखान करती है। दरअसल हाथों की लकीरे भी तय करती है कि आपकी विदेश यात्रा हो सकती है या नहीं। इसके अलावा समुद्र शास्त्र के अनुसार हाथों की लकीरे ये भी बता देती है कि अगर कोई विदेश जाता है तो वहां जाकर क्या करेगा और उसका जीवन कैसा रहेगा। अगर आपके हाथों में भी इस तरह की लकीरें है तो आप विदेश यात्रा पर जा सकते हैं।
- समुद्रशास्त्र के अनुसार अगर यात्रा रेखा चंद्र क्षेत्र से निकलकर पूरी हथेली को पार करते हुए गुरु पर्वत तक पहुंच जाती है तो आप लम्बी विदेश यात्रा कर सकते हैं।
- अगर चंद्र पर्वत से यात्रा रेखा हथेली के मध्य में से मुड़कर वापस चंद्र पर्वत पर आए तो जातक को विदेश में तो रहता है लेकिन कुछ वर्षो बाद अपने देश वापस आ जायेगा।
- यदि चंद्र पर्वत से निकलकर कोई यात्रा रेखा मस्तिष्क रेखा से मिल जाए तो ऐसे में व्यक्ति को विदेश यात्रा में व्यवसायिक समझौता करना पड़ सकता है।
- अगर आपकी हथेली में चंद्र और शुक्र पर्वत उन्नत हो और जीवन रेखा पूरे शुक्र क्षेत्र को घेरती हुई शुक्र पर्वत के मूल तक जाती है तो ऐसे में आप अनेकों बार विदेश यात्रा पर जा सकते हैं।
- यदि कुंडली में नवमेश, द्वादशेश अथवा सप्तमेश का प्रभाव,चौथा भाव और तीसरे भाव पर रहेगा तो भी विदेश यात्रा हो सकती है।
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