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शुरुआती दोनों टेस्ट मैचों की बात करें, तो विराट कोहली को छोड़कर बाकी बल्लेबाज फ्लॉप साबित हुए हैं. हालांकि, रवि शास्त्री का मानना है कि जहां तक इंग्लैंड के मुश्किल हालात की बात है, तो दोनों ही टीमों को संघर्ष करना पड़ा है. हालांकि,काफी हद तक यह बात सही भी है. सभी ने देखा कि पहले टेस्ट में कैसे भारतीय गेंदबाजों ने वापसी कराते हुए भारत को मुश्किल में ला दिया था.
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पत्रकारों से बातचीत में रवि शास्त्री ने कहा कि किसी भी एक खिलाड़ी पर उंगली उठाना सही नहीं होगा. जब भी हालात मुश्किल हुए, तो दोनों ही टीमों को संघर्ष करना पड़ा है. यह मानसिक निश्चित की बात है-कैसे आप हालात के ऊपर अपनी मनोदशा को रखते हो. और तीसरे टेस्ट में निश्चित तौर पर बल्लेबाजों के लिहाज से मानसिक अनुशासन ही महत्वपूर्ण होने जा रहा है. शास्त्री ने कहा कि टीम इंडिया अगर ट्रेंट ब्रिज में वापसी करना चाहती है, तो बल्लेबाजों को मानसिक अनुशासन दिखाना होगा.
भारतीय कोच ने तीसरे टेस्ट से पहले कहगा कि आपने देखा है कि अभी तक पूरी सीरीज में हालात कितने ज्यादा मुश्किल रहे हैं, लेकिन ऐसे ही हालात में मजबूत चरित्र सामने आते हैं. आपको पूरी मजबूती के साथ यह स्पष्ट करना है कि आपका ऑफ स्टंप कहां है. आपको बहुत ज्यादा गेंदें छोड़नी पड़ती हैं. ऐसे में बल्लेबाज को साहस दिखाना होगा. उन्होंने कहा कि लॉर्ड्स में हालात मुश्किल थे. इंग्लैंड के गेंदबाजों ने पूरा फायदा उठाया. ऐसा किसी भी टीम के साथ हो सकता है. लेकिन बात मान लीजिए कि हमारी टीम में एक भी खिलाड़ी नकारात्मक भाव वाला नहीं है. इसी दौरान शास्त्री ने स्वीकार किया कि दूसरे टेस्ट में कुलदीप यादव को खिलाना एक गलती थी.
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