Logo
April 16 2024 05:38 PM

“भारत युद्ध नही चाहता लेकिन जरूरी होने पर मुहतोड़ जवाब देंगे”: इंद्रेश कुमार

Posted at: Jun 18 , 2020 by Dilersamachar 9644
दिलेर समाचार, नई दिल्ली। भारत हमेशा से विश्व शांति का पक्षधर रहा है। हम युद्ध नही चाहते लेकिन यदि हमें विवश किया जाएगा तो मुहतोड़ जवाब अवश्य देंगे। भारत और भारत की संस्कृति विश्व वन्धुत्व और सद्भाव में विश्वास करती है। हमारे सद्भाव को यदि कोई हमारी कमज़ोरी समझता है तो यह उसकी भूल है।
 
ये उद्गार हैं आरएसएस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और नवभारत फ़ाउंडेशन के मार्गदर्शक  इंद्रेश कुमार जी के। वह फ़ाउंडेशन द्वारा आयोजित वेबिनार यानी तरंग सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। चिंतन से समाधान , श्रीराम जन्मभूमि, धारा 370, समान नागरिक संहिता, एनआर सी जैसे जटिल मुद्दों को सुलझाने और इन विषयों के आगे की चुनौतियों पर विमर्श के लिए आयोजित इस सम्मेलन में देश भर से सैंकड़ो विद्वान, विशेषज्ञ, सैन्य एवं प्रशासनिक अफसर, शिक्षक, पत्रकार, एवं अन्य लोग शामिल थे।
 
इंद्रेश कुमार ने कहा कि , " सांप्रदायिक कूटनीति के कारण मुद्दे भटकते हैं और हिंसा की ओर जाते हैं | अनुच्छेद 370 का हटना भारत की एकता -अखंडता का प्रतीक है और एक भारत -एक संविधान के सपने को साकार करता है |"  कोरोना महामारी को " मानव निर्मित एवं चीन की छाप वाली " बताते हुए देशवासियों से अपील की कि "अपने गरीब बहनों -भाइयों की मदद करें |" समाज की तालाबंदी में भी सावधानी की दात दी पर जोड़ा कि " तब्लीगी जमात जैसे वाक्यों से संक्रमण में तेज़ी आयी , और हमें ऐसा नहीं करना है |" उन्होंने तीन बिंदुओं को विशेष रूप से  रेखांकित किया , "आत्मनिर्भरता , सर्वधर्मसमभाव एवं सभी मनुष्यों को बराबरी के अधिकार" |
 
डॉ के के मोहम्मद , पूर्व क्षेत्रीय निर्देशक , भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण , ने बताया किस तरह " कुछ इतिहासकारों ने राम मंदिर के मुद्दे को भटकाने का काम किया |" उनहोंने यह भी कहा की , " जो विषय क्षेत्र एक पुरातत्व विशेषज्ञ का है वहां इन इतिहासकारों को ऐसे हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं  था |"
 
प्रोफ राकेश कुमार उपाध्याय , चेयर प्रोफेसर , कशी विश्वविद्यालय बोले ," अयोध्या में मिले सबूतों के प्रकाश में ,रोमिला थापर और इरफ़ान हबीब जैसे वामपंथी इतिहासकारों को देश से क्षमा मांगनी चाहिए कि उन्होंने इतने समय तक राम मंदिर विषय को सांप्रदायिक रंग देकर भटकाने का कार्य किया |"
 
श्रीमती माधवी भूटा , भा ज पा नेता , ने अनुच्छेद को " दलित एवं महिला अधिकारों के विरूद्व " बताया | कहा कि , " मज़दूरी करने के  बाद भी बराबरी के नागरिक होने का दर्जा नहीं मिलता था  कश्मीर में दलितों को |
 
 संसद ,श्री हंस राज हंस ने कहा की , " आदरणीय प्रधान मंत्री मोदी जी सबका साथ -सबका विकास -सबका विश्वास  के लक्ष्य के लिए दिन रात  कार्य कर रहे हैं |
 
हरियाणा सरकार के डी जी , क्राइम , डॉ के पी सिंह ने " सीएए"   को "प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को उनकी पहचान दिलाने वाला कदम " बताया | और पूर्व सरकारों की तुलना में वर्तमान सरकार की ठोस नीतियों की सराहना की |
 
बायकाट सलमान जैसे ट्रेडिंग हैशटैग से वर्तमान खबरों में आने वाले दबंग जैसे फ़िल्म के फेम, डायरेक्टर-राइटर श्री अभिनव सिंह कश्यप जी ने कहा कि देश का भविष्य युवा और शांति के रास्ते मे हैं और दोनों को सुरक्षित करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की जरूरत है.
 
 नव भारत फ़ाउंडेशन की राष्ट्रीय महामंत्री  प्रसिद्ध समाज सेविका रेशमा एच सिंह जी ने कहा कि "जरूरत है कि हम सार्थक संवाद के सभी अवरोधकों की पहचान करें और उन सांप्रदायिक ताक़तों की पहचान करें जो भारत को गलत दिशा में ले जा रहे हैं.ऐसा करना समाधान की और पहला कदम होगा.
 
लोकसभा के पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह जी ने सरकार और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को साहसिक कदम बताते हुए सराहना की.अन्य गणमान्य वक्ताओं में भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती जी,पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गुरमीत सिंह जी,डीडी न्यूज़ के वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव जी,सिर्फ न्यूज़ के मुख्य संपादक श्री सुरजीत दास गुप्ता जी,ऐवीसीएम;पीवीसीएम रिटायर्ड एयर मार्शल आरसी बाजपाई शामिल थे.
 
बीएचयू वाराणसी,दिल्ली विश्वविद्यालय,जामिया विश्वविद्यालय और आईआईटी दिल्ली जैसे देश के शीर्ष संस्थानों के विद्यार्थियों ने प्रश्नोत्तर सत्र में भाग लिया.विद्यार्थी के प्रश्नों का जवाब पूर्व सांसद और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सीनियर अधिवक्ता सत्यपाल जैन जी,अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति मो०शब्बीर जी,उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस डाक्टर विक्रम सिंह,उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन शैयद वसीम रिज़वी जी ने दिया.
 
अन्य गणमान्य अतिथियों में फैंस के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल डॉ आर एन सिंह (पीवीएसएम, एवीएसऍम,पूर्व-DG आर्मी),संस्कृति पर्व के संपादक संजय तिवारी जी,सीनियर अधिवक्ता वरुण सिन्हा जी,काशी से पातालपुरी पीठाधीश्वर महंत बालक दास जी,एकल विद्यालय के प्रमुख सुमन चंद्र धीर जी उपस्तिथ थे।
 
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य माननीय इंद्रेश कुमार जी के मार्गदर्शन में कार्यक्रम की संरचना और संयोजन का कार्य श्रीमती रेशमा एच सिंह जी ने किया.कार्यक्रम के समन्वयक और सह संयोजक का काम विक्रमादित्य सिंह जी ने किया. कार्यक्रम में "श्री राम जन्मभूमि :चिन्तन से समाधान"नामक ई-बुक का भी विमोचन किया गया.
 
कार्यक्रम के अंत में नव भारत फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल के जे सिंह जी (एवीएसएम,पीवीएसएम एवं बार )रिटायर्ड.के नेतृत्व में हाल ही दिनों में चीनी सैनिकों से लड़ाई में भारतीय सेना के शहीद जवानों को मौन रहकर श्रद्धांजलि दी गयी.

ये भी पढ़े: J&K में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 8 आतंकी ढेर

Related Articles

Popular Posts

Photo Gallery

Images for fb1
fb1

STAY CONNECTED