दिलेर समाचार, नई दिल्ली. पूर्व भारतीय ओपनर वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के खिलाफ मैच में धीमी बल्लेबाजी करने को लेकर मनीष पांडे (Manish Pandey) पर सवाल खड़े किए हैं. सहवाग ने कहा कि अगर वो आखिरी के कुछ ओवरों में आक्रामक बल्लेबाजी करते तो सनराइजर्स हैदराबाद की हार नहीं होती. सहवाग ने क्रिकबज पर पूछे गए सवाल के जवाब में ये बात कही. दरअसल, सहवाग से एक ट्विटर यूजर ने सवाल पूछा कि मनीष पांडे ने आखिरी के 6 ओवर में सिर्फ एक छक्का मारा. जबकि उनकी आंखें जम चुकी थी. इससे टीम को कितना नुकसान हुआ?. इस पर सहवाग ने कहा कि मनीष ने आखिरी दो-तीन ओवर में बाउंड्री नहीं लगाई. उनका छक्का भी आखिरी गेंद पर आया. तब तक मैच खत्म हो चुका था. वो अहम वक्त था. उस समय मनीष को आगे आना था. क्योंकि वो सारा दबाव झेल चुके थे. उस समय उन्हें खुलकर शॉट्स खेलने चाहिए थे. अगर वो ऐसा करते तो शायद जो टीम 10 रन से मैच हारी. वो एक-दो गेंद पहले ही जीत जाती.
उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है, जब सेट होने के बाद भी आपको ऐसी गेंदें नहीं मिलती हैं, जिस पर बड़े शॉट्स खेल पाओ. मनीष के साथ भी ऐसा ही हुआ. उन्हें कोलकाता के गेंदबाजों ने स्लोअर, यॉर्कर गेंदें फेंकी. इसी वजह से वो बड़े शॉट्स नहीं खेल पाए.
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा (Ashish Nehra) ने इसके लिए केकेआर के कप्तान ऑयन मोर्गन (Eoin Morgan) की तारीफ की. उन्होंने कहा कि मनीष पांडे मिड विकेट और लॉन्ग ऑन की तरह ज्यादा शॉट्स लगाते हैं. जब तक मिड विकेट का फील्डर तीस यार्ड के घेरे के भीतर था. तब तक, तो वो रन बनाते रहे. लेकिन जैसे ही कप्तान मोर्गन ने फील्डर को पीछे भेज दिया. उन्हें रन बनाने में परेशानी होने लगी. मोर्गन ने भले ही ऐसा करने में देरी की. लेकिन उनकी ये रणनीति मनीष पांडे को रोकने में काम आ गई.
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