दिलेर समाचार, नई दिल्ली. कोरोनो वायरस के मद्देनजर लगे लॉकडाउन के दौरान से ही देशभर में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बूस्ट मिला है. घर से बाहर नहीं निकलने और संक्रमण से बचने के लिए अधिकतर लोग आॅनलाइन पेमेंट का ही सहारा ले रहे हैं. इसी को देखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने अब आॅनलाइन ट्रांजैक्शन की सुविधा को और आसान बनाने का फैसला लिया है. देश में रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम यानी RTGS (Real Time Gross Settlement System) की सुविधा 14 दिसंबर से प्रतिदिन 24 घंटे काम करने लगेगी. इसके बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जहां यह सुविधा दिन-रात काम करती है.
2004 में तीन बैंकों के साथ शुरू हुई थी RTGS सुविधा
रिजर्व बैंक के मुताबिक, 14 दिसंबर को 00:30 बजे यानी मध्य रात्रि 12:30 बजे से RTGS सर्विस 24 घंटे मौजूद होगी. RBI के इस ऐलान के बाद भारत दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जहां इतने बड़े ट्रांजैक्शन 24 घंटे होते हैं. 16 साल पहले मार्च 2004 में सिर्फ 3 बैंकों के साथ RTGS सर्विस की शुरुआत हुई थी और अब इस सर्विस के साथ 237 बैंक जुड़ चुके हैं. RTGS के जरिए आप बैंक ब्रांच जाकर या फिर घर बैठे तत्काल पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं.
RTGS बड़े ट्रांजेक्शंस में काम आता है. RTGS के जरिए 2 लाख रुपये से कम अमाउंट ट्रांसफर नहीं हो सकता है. इसे ऑनलाइन और बैंक ब्रांच दोनों माध्यमों से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें भी किसी तरह का फंड ट्रांसफर शुल्क नहीं हैं. लेकिन ब्रांच में RTGS से फंड ट्रांसफर कराने पर शुल्क देना होगा.
केंद्रीय बैंक ने अक्टूबर में RTGS सिस्टम को 24 घंटे काम करने वाली सिस्टम बनाने की घोषणा की थी. एक बैंक से दूसरे बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के कई सारे विकल्प मौजूद हैं. इनमे सबसे ज्यादा पॉपुलर RTGS, NEFT और IMPS है. इससे पहले पिछले साल दिसंबर में ही NEFT को भी 24 घंटे के लिए शुरू किया गया था. RTGS बड़ी राशि के इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन में काम आने वाली सिस्टम है, जबकि NEFT से 2 लाख रुपए तक का ही ऑनलाइन लेन-देन किया जा सकता है. RTGS की शुरुआत 26 मार्च 2004 को हुई थी.
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