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जामिया हिंसा: लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले से बचने के लिए लाइब्रेरी और बाथरूम में घुसे छात्र

Posted at: Dec 16 , 2019 by Dilersamachar 9661

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia University) में छात्रों के साथ दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की बर्बरता का मामला सुर्खियां बना हुआ है. आरोप है कि रविवार को डीटीसी की तीन बसों में आग लगाने के बाद मामला बिगड़ गया और पुलिस ने जामिया यूनिवर्सिटी में घुसकर छात्रों को निशाना बनाया. पुलिस ने हॉस्टल और लाइब्रेरी में घुसकर छात्र-छात्राओं से बदसलूकी और मारपीट की. पुलिस ने छात्रों पर आंसू गैस के गोले भी दागे. जहां मुमकिन हो सकता था छात्रों ने वहां जाकर खुद को बचाया. अब इसके वीडियो सामने आ रहे हैं.
पुलिस का दावा है कि उन्होंने उन छात्रों पर कार्रवाई की, जिन्होंने उनपर पथराव किया था. दूसरी ओर ऐसे कई वीडियो सामने आ रहे हैं, जो पुलिस की बर्बरता की गवाही दे रहे हैं. छात्रों को लाइब्रेरी और बाथरूम में घुसकर पीटा गया. वीडियो में छात्र बाथरूम में बेहोश हालत में दिखाई दे रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ अपराधियों जैसा सलूक किया. उन्होंने लाइब्रेरी और बाथरूम में छुपकर खुद को बचाया. एक छात्रा ने कहा, 'हमने कुछ भी नहीं किया है, फिर भी हमारे साथ पुलिस ने बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया. बाहर ले जाते समय हमें हाथ ऊपर करने को कहा गया. हम स्टूडेंट हैं, क्रिमिनल नहीं.'
बताते चलें कि रविवार शाम दिल्ली के जामिया नगर से लगे सराय जुलैना के पास तीन डीटीसी की बसों में आग लगाए जाने के बाद से बवाल बढ़ गया. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने बसों में आग लगाई. उनके साथ कुछ और लोग भी थे. छात्रों ने बसों को आग लगाने के आरोपों से इंकार किया है. जिस समय बसों को आग के हवाले किया गया, उस समय अंदर सवारियां मौजूद थीं. बसों में महिलाओं और बच्चों की चीख-पुकारों को भी नजरअंदाज किया गया. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने बीजेपी के इशारे पर पुलिस पर बसों को आग लगाने का आरोप लगाया है.
उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ तस्वीरें ट्वीट की हैं. एक तस्वीर में कुछ पुलिस वाले बसों के पास हाथों में तरल पदार्थ के गैलन लिए नजर आ रहे हैं. सिसोदिया का कहना है कि इस तस्वीर में पुलिसकर्मी आग लगाते हुए दिख रहे हैं, जबकि दिल्ली पुलिस के पीआरओ ने सफाई देते हुए कहा है कि उन गैलन में पानी था और पुलिसकर्मी बसों में लगी आग बुझा रहे थे. जामिया का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है. मंगलवार को इस केस में सुनवाई होगी.

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