दिलेर समाचार, नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र कार्ती चिदम्बरम की चेन्नई में CBI द्वारा की गई गिरफ्तारी के बाद राजनैतिक हलकों में हलचल मचना तय है, लेकिन उससे पहले यह जान लेना ज़रूरी है कि दरअसल जिस मनी लॉन्डरिंग के मामले में कार्ती को गिरफ्तार किया गया है, वह है क्या.वर्ष 2017 के मई महीने में प्रवर्तन निदेशालय, यानी एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने कार्ती के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2007 में जब कार्ती के पिता पी चिदम्बरम केंद्रीय वित्तमंत्री थे.
तब 300 करोड़ रुपये से ज़्यादा का विदेशी निवेश हासिल करने की खातिर INX मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंज़ूरी देने में अनियमितता बरती गई थी. इस मामले में कार्ती पर 10 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था.इसके अलावा INX मीडिया द्वारा किए गए कथित गैरकानूनी भुगतानों की जानकारी के आधार पर CBI ने भी कार्ती चिदम्बरम तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
CBI ने टैक्स से जुड़े एक मामले की जांच को प्रभावित करने के लिए पीटर तथा इंद्राणी मुखर्जी के स्वामित्व वाली मीडिया कंपनी से कथित रूप से रकम लेने के आरोपों की जांच के सिलसिले में CBI ने चार शहरों में मौजूद कार्ती के ठिकानों पर तलाशी अभियान भी चलाया था.
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