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पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी कम करने से हो सकता है नुकसान

Posted at: Jun 19 , 2018 by Dilersamachar 9693

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल पर से एक्साइज ड्यूटी कम करने की बात को खारिज कर दिया है. जेटली ने कहा कि इस तरह का कोई भी क़दम नुक़सानदायक हो सकता है. जेटली ने लोगों से कहा कि वे अपने हिस्से का टैक्स ईमादनारी से भुगतान करें, जिससे पेट्रोलियम पदार्थों पर राजस्व के स्रोत के रूप में निर्भरता कम हो सके. इसके साथ ही उन्होंने नागरिकों से कहा कि वे अपने हिस्से के करों का ईमानदारी से भुगतान करें, जिससे पेट्रोलियम पदार्थों पर राजस्व के स्रोत के रूप में निर्भरता कम हो सके.


उन्होंने कहा कि पिछले चार साल के दौरान केंद्र सरकार का कर - जीडीपी अनुपात 10 प्रतिशत से सुधरकर 11.5 प्रतिशत हो गया है. इसमें से करीब आधी (जीडीपी का 0.72 प्रतिशत) वृद्धि गैर- तेल कर जीडीपी अनुपात से हुईहै. जेटली ने कहा कि गैर - तेल कर से जीडीपी अनुपात 2017-18 में 9.8 प्रतिशत था. यह 2007-08 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है. उस साल हमारे राजस्व की स्थिति अनुकूल अंतरराष्ट्रीय वातावरण की वजह से सुधरी थी. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने राजकोषीय मजबूती और वृहद आर्थिक दायित्व व्यवहार को लेकर मजबूत प्रतिष्ठा कायम की है. 

अरुण जेटली की अपील
- भारत, आसानी से टैक्स भरने वाले समाज से दूर 
- नॉन ऑयल कैटेगरी टैक्स से बचकर न निकलें 
- टैक्स भरें ताकि टैक्स के लिए तेल पर निर्भरता कम हो
- राजकोषीय गणित में बदलाव उल्टा साबित हो सकता है

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