दिलेर समाचार, वॉशिंगटन । ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अब चीन के साथ गहन ‘‘सद्भावना’’ वार्ता कर रहे हैं, ताकि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने को लेकर कोई ‘‘समझौता’’ किया जा सके. इस मामले के जानकार लोगों के अनुसार अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने संबंधी प्रस्ताव की भाषा को लेकर भी चीन से बातचीत कर रहे हैं.
चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति में पेश प्रस्ताव को बुधवार को अपने वीटो के अधिकार के माध्यम से चौथी बार बाधित कर दिया था. इस प्रस्ताव को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने पेश किया था.
इन तीनों देशों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कुछ दिनों बाद प्रस्ताव पेश किया था. इस हमले में सीआरपीएस के 44 जवान शहीद हो गए थे.
मामले के जानकार लोगों के अनुसार, यदि इस प्रयास के बावजूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित नहीं किया जाता तो तीन स्थायी सदस्य इस मुद्दे पर खुली बहस के लिए प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली शाखा में पेश करने की योजना बना रहे हैं.
भारत ने चीन के इस रुख के प्रति निराशा जताई है और प्रस्ताव पेश करने वाले देशों ने चेताया है कि वे अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए ‘‘अन्य कदमों’’ पर विचार करेंगे.
हालांकि सुरक्षा परिषद समिति की आंतरिक वार्ताएं गोपनीय रखी जाती हैं लेकिन इस बार आतंकवादी को बचाने के चीन के अनुचित दृष्टिकोण से हताश परिषद के कई सदस्यों ने अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए मीडिया को बताया कि चीन किस प्रकार नकारात्मक भूमिका निभा रहा है.
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