दिलेर समाचार,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने कैबिनेट में फेरबदल करने जा रहे हैं. मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले नौ संभावित चेहरों में मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र खटीक का नाम भी बताया जा रहा हैं. वे लगातार 6वीं बार सांसद चुने गए हैं.
1996 में पहली बार सागर संसदीय सीट से चुने गए वीरेंद्र खटीक का राजनीति करियर काफी लंबा रहा है. हालांकि, राजनीतिक में बड़ा मुकाम हासिल करने पहले भाजपा के इस वरिष्ठ नेता को जिंदगी में काफी संघर्ष करना पड़ा.
वीरेंद्र खटीक का बचपन बेहद संघर्ष और अभाव के दौर से गुजरा है. उन्होंने परिवार के भरण-पोषण के लिए पिता के साथ साइकिल की दुकान पर पंक्चर भी बनाए. पांचवीं कक्षा से ही उन्होंने सागर में पिता की साइकिल रिपेयरिंग शॉप पर पंक्चर बनाने का काम काम सीख लिया था. कम उम्र में ही कई बार वह खुद अकेले ही पूरी शॉप का काम संभालते थे.
हालांकि, घर चलाने में पिता की मदद करने के लिए काफी वक्त देने के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई पर असर नहीं होने दिया. सागर विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल करने के दौरान भी वह पिता की शॉप पर पंक्चर जोड़ने का काम करते थे. इस दौरान उन्हें कई बार पिता की डांट भी सुनना पड़ती थी.
6वीं बार सांसद चुने गए वीरेंद्र खटीक को अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे के दौरान कोई पंक्चर सुधारता हुआ मिलता है, तो वो तुरंत उसके पास पहुंच जाते हैं. कई बार काम में उसकी मदद कर देते हैं, तो कभी पंक्चर बनाने के टिप्स देने लग जाते हैं.
पुराना स्कूटर पहचान
वीरेंद्र खटीक की सादगी पूरे इलाके में उनकी पहचान है. उनके पास एक पुराना स्कूटर है. बरसों से वह इसी स्कूटर पर सवार होकर किसी भी कार्यक्रम में पहुंच जाते हैं. अमूमन वह इसी पुराने स्कूटर की सवारी करते हैं.
अक्सर अपने पुराने स्कूटर पर बिना किसी तामझाम और सुरक्षा गार्ड के ही नजर आते हैं. संसदीय क्षेत्र और सागर व दिल्ली जाने के लिए ट्रेन में सफर करते हैं. यूं तो उनके पास 11 साल पुराना स्कॉर्पियो वाहन है. लेकिन इसका इस्तेमाल लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में जाने के लिए ही करते हैं.
चौपाल वाले सांसद
बुंदेलखंड में राजनीति करने वाले वीरेंद्र खटीक को मंत्री बनाए जाने के पीछे उनकी सादगी और दलित होना अहम माना जा रहा है.
सागर से चार बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद टीकमगढ़ सीट के रिजर्व होने के बाद पिछली दो बार से यहां से चुनाव लड़कर वह संसद में पहुंचे हैं. चौपाल लगाकर जनता की समस्याएं सुनने के कारण उन्हें चौपाल वाले सांसद भी कहा जाता है.
- वीरेंद्र खटीक का जन्म 27 फरवरी 1954 को हुआ.
- डॉ. हरिसिंह गौड़ विश्वविद्यालय, सागर से एम.ए. (अर्थशास्त्र), पीएचडी (बाल श्रम) तक शिक्षा ग्रहण की.
- खटीक ने सागर यूनिर्वसिटी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुवात की.
- 1977 से ही एबीवीपी से जुड़ गए थे और आपातकाल के दौरान जेल में भी रहे.
- युवा मोर्चा से जुड़ने के बाद वह सक्रिय राजनीति में नित नए मुकाम हासिल करते रहे.
- 1996 के लोकसभा चुनाव में सागर संसदीय सीट से सांसद चुने गए.
- तब से लेकर अब तक वे 6 बार सांसद हैं.
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