दिलेर समाचार, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि पुरुषों का एक खास तरह का चेहरा महिलाओं को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है।
-साइकोलॉजिकल साइंस नामक जर्नल में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, महिलाओं को चौड़े चेहरे वाले पुरुष ज्यादा पसंद आते हैं और वे उनके साथ दुबारा भी मुलाकात करना चाहती हैं।
-यहां यह पसंद लम्बे समय तक साथ रहने या शादी करने के लिए नहीं है। ब्रॉडर फेस वाले मर्दों को शॉर्ट टर्म रिलेशनशिप के लिए वरीयता दी जाती है।
-सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी की साइकोलॉजिकल साइंटिस्ट कैथरीन वैलेंटाइन ने इस स्टडी को लीड किया था। उनके अनुसार- 'हमारी रियल लाइफ स्टडी में देखा गया कि महज 3 मिनट की मुलाकात में महिलाओं ने डॉमिनेन्ट और चौड़े चेहरे वाले पुरुषों को ज्यादा अट्रैक्टिव माना और उनके साथ दुबारा डेट पर जाने की इच्छा जताई।'
-वैज्ञानिकों ने फेस की चौड़ाई और शरीर की लम्बाई के बीच रेशियो के आधार पर अट्रैक्टिवनेस को परखा। उन्होंने पाया कि जिन मर्दों में रेशियो ज्यादा था, यानी शरीर के अनुपात में फेस की चौड़ाई ज्यादा थी, महिलाओं ने उन्हें अधिक अट्रैक्टिव पाया।
-गौरतलब है कि पहले की कई स्टडीज में यह देखा गया है कि ब्रॉडर फेस वाले पुरुष ज्यादा डॉमिनेन्ट, अक्खड़ और गुस्से वाले होते हैं। आमने-सामने की लड़ाई में उनके जीतने के चांस ज्यादा होते हैं।
-विशेषज्ञों का कहना है कि शॉर्ट टर्म रिलेशनशिप में प्यार और इमोशंस से ज्यादा शरीर मायने रखता है। चूंकि चौड़े फेस से अक्खड़ता, डॉमिनेंस, आक्रामकता और मजबूती झलकती है, इसलिए महिलाओं को ऐसे चेहरे ज्यादा अट्रैक्टिव या यूं कहें कि मर्दानगी भरे लगते हैं। ऐसे पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन नामक मेल हॉर्मोन ज्यादा होता है।
वाइडर फेस वाले कुछ नकारात्मक समझे जाने वाले गुण भी जुड़े हैं। वैलेंटाइन और उनके सहकर्मियों का अनुमान है कि ज्यादा चौड़ा फेस शरीर में टेस्टोस्टेरॉन नामक मेल हॉर्मोन की अधिक मात्रा का संकेत देता है। इस तरह के चेहरे वाले लोग आमतौर पर ज्यादा एग्रेसिव, अक्खड़ और डॉमिनेंटिंग होते हैं। शायद यही वजह है कि महिलाएं लम्बे समय की रिलेशनशिप के लिए ऐसे चेहरे वालों को प्राथमिकता नहीं देतीं।
दूसरी तरफ, चौड़े फेस वालों में साइकोपैथिक टेंडेंसी भी पाई जाती है। कॉलेज छात्रों और कैदियों की एक स्टडी में देखा गया कि वाइडर फेस वाले पुरुषों में सेल्फ सेंट्रेड इम्पल्सिविटी ज्यादा होती है। उनमें फीयरलेस डॉमिनेन्स की भावना भी ज्यादा होती है, जो समस्याओं के लिए दूसरों को दोषी ठहराने की टेंडेंसी की ओर ले जाती है।
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