दिलेर समाचार, नई दिल्ली. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण मध्य महाराष्ट्र और दक्षिणी कोंकण के ऊपर बन रही कम दबाव की स्थिति के अरब सागर की ओर बढ़ने की संभावना है तथा अगले 48 घंटे में यह मजबूत होकर कम दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगी. इसने कहा कि इस चक्रवाती स्थिति के प्रभाव की वजह से अगले दो दिन में महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों, कोंकण और दक्षिणी गुजरात में भारी बारिश (Heavy Rains) हो सकती है. पश्चिमी महाराष्ट्र और तटीय जिलों में बुधवार से ही भारी बारिश हो रही है जिससे जान-माल का नुकसान हुआ है.
विभाग ने कहा, ‘कोंकण और गोवा तथा महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में अधिकतर स्थानों पर हल्की तथा मध्यम स्तर की बारिश और कुछ स्थानों पर भारी बारिश होगी. दक्षिणी कोंकण और आसपास के महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश (एक दिन में 20 सेंटीमीटर से अधिक) होने की संभावना है.’
आईएमडी ने कहा कि शुक्रवार को कोंकण और गोवा के अधिकतर क्षेत्रों में हल्की और मध्यम स्तर की बारिश तथा दक्षिणी गुजरात के तटीय जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है.
वहीं दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को धुंध पसरने के साथ ही पूरे क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' स्तर पर पहुंच गई. क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत बिजली जनरेटर पर प्रतिबंध सहित कई सख्त वायु प्रदूषण-रोधी उपायों को भी लागू कर दिया गया है.
नासा के कृत्रिम उपग्रह द्वारा ली गई तस्वीरों में पंजाब के अमृतसर, पटियाला, तरनतारन और फिरोजपुर तथा हरियाणा के अंबाला और राजपुरा में बड़े पैमाने पर खेतों में पराली जलाए जाने का पता चला है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता पर इसका प्रभाव फिलहाल कम है.
महानगर में सुबह 11:10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 315 का दर्ज किया. इस साल इससे पहले हवा की गुणवत्ता का इतना खराब स्तर फरवरी में था. चौबीस घंटे का औसत एक्यूआई बुधवार को 276 था, जो 'खराब' श्रेणी में आता है. यह मंगलवार को 300, सोमवार को 261, रविवार को 216 और शनिवार को 221 था.
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