दिलेर समाचार, नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद से कोई राहत नहीं मिलने के बाद विमानन रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) उद्योग ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से संपर्क करने का फैसला किया है. इस क्षेत्र पर कर की दर 18 प्रतिशत है. उद्योग इसमें कटौती की मांग कर रहा है. एमआरओ एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने आगाह किया है कि यदि इस विसंगति को दूर नहीं किया गया तो यह उद्योग बंद हो सकता है.
एसोसिएशन के संस्थापक महासचिव पुलक सेन ने कहा कि एयरलाइंस को रखरखाव के लिए विमान विदेश भेजना सस्ता पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में सस्ते श्रम की वजह से एमआरओ उद्योग को लागत का जो लाभ मिल रहा था वह जीएसटी के बोझ की वजह से समाप्त हो गया है. भारत में श्रम की लागत 20 से 35 डॉलर प्रति घंटा बैठती है.
उन्होंने सिंगापुर और मलेशिया जैसे देशों का उदाहरण दिया जहां सात प्रतिशत जीएसटी लगता है. वहीं श्रीलंका में तो इस उद्योग पर र्को कर नहीं लगता.
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