दिलेर समाचार, भोपाल। मध्य प्रदेश में मंत्री बनाए गए बाबाओं की 'कुंडली' अब सामने आने लगी है. राज्यमंत्री बनाए गए ऐसे ही एक बाबा हैं स्वामी नर्मदानंद जिन पर आरोप है कि वे नेत्रहीन बनकर रेलवे के रियायती टिकट पर यात्रा करते थे. बाबा ने कहा है कि नर्मदा परिक्रमा से उनकी आंखों की रोशनी वापस लौट आई, अब वे रियायत नहीं लेते.
शिवराज सिंह चौहान के मिनिस्टर बाबा चमत्कारी भी हैं. जैसे स्वामी नर्मदानंद, बाबा का दावा है कि 2014 से पहले बाबा ठीक से नहीं देख पाते थे लेकिन कहते हैं कि नर्मदा परिक्रमा से आंखों की रोशनी लौट आई. " मुझे जन्म से ही आंखों में दिक्कत थी, भगवती की कृपा से जब 2014 में परिक्रमा की तो मुझे काफी आनंद हुआ है. मां का किस प्रकार से धन्यवाद करें वो जीवनदायिनी है मेरे लिए दृष्टिदायिनी भी है."
बाबा के बहानों पर सवाल इसलिए क्योंकि नेत्रहीनता के नाम पर उन्होंने रेलवे का पास बनवाया, रियायत में यात्रा की, जिसे वे खुद स्वीकारते हैं. "89 में नवसारी में डॉक्टरों ने चेकअप किया था. वहां लिखकर दिया था रेलवे के पास के लिए. तब से जब बाहर जाना होता है, बाकी साथ के लोगों का टिकट बनता था हमारा भी हाफ टिकट बनता था."
आरोप कम्प्यूटर बाबा पर भी है. बताया जा रहा है कि इंदौर की जिस पहाड़ी पर उन्होंने आश्रम बनाया है वह सरकारी जमीन है. वैसे मंत्री बनाने में शिवराज काफी उदार हैं. चुने हुए विधायकों से शिवराज समेत 32 मंत्री हैं. जबकि मंत्री का दर्जा हासिल करने वाले तीन गुना यानी 93. 35 को कैबिनेट, 58 को राज्यमंत्री का दर्जा मिला है.
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