दिलेर समाचार, नई दिल्ली. दिल्ली में 250 नगर निगम वार्ड के चुनाव में रविवार को लगभग 50 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. मुख्य प्रतिद्वंद्वियों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आम आदमी पार्टी (आप) दोनों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं. अधिकारियों ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बड़ी गड़बड़ी की कोई सूचना नहीं मिली. 493 स्थानों पर 3,360 संवेदनशील बूथ थे. इन पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ. उन्होंने बताया कि मतदान के लिए 25 हजार पुलिसकर्मियों, लगभग 13 हजार होमगार्ड और अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को तैनात किया गया था.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली और कुछ अन्य इलाकों में कई लोगों ने शिकायत की थी कि उनके नाम मतदाता सूची से गायब हैं. कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार उन लोगों में शामिल थे, जो मतदान नहीं कर सके. बीजेपी ने कहा कि उसने मतदाता सूची से गायब नामों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि मतदान का समय समाप्त होने पर शाम साढ़े पांच बजे तक लगभग 50 प्रतिशत मतदान होने की सूचना मिली है. हालांकि, यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है, क्योंकि शाम साढ़े पांच बजे से पहले मतदान केंद्रों पर पहुंचे लोगों को कतारों में खड़ा देखा गया.
चुनाव परिणामों की घोषणा सात दिसंबर को होगी. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ और बीजेपी के बीच मुकाबले में कूड़े के पहाड़ (लैंडफिल) सबसे बड़े मुद्दों में से एक के रूप में उभरा. बीजेपी पिछले 15 वर्षों से नगर निगम की सत्ता में है. ‘आप’ और उसके नेता अरविंद केजरीवाल के लिए चुनाव महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे देश में 2024 के आम चुनावों से पहले पार्टी का विस्तार चाहते हैं. बीजेपी ने एमसीडी चुनाव के प्रचार के लिए अपने शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारा था. इनमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी तथा पीयूष गोयल जैसे 19 केंद्रीय मंत्री और छह राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं.
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