दिलेर समाचार, राजकोट. गुजरात स्थित भुज की पलारा जेल में बंद 34 वर्षीय नाइजीरियाई महिला ने गुजरात उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए आरोप लगाया है कि जेल के एक कर्मचारी द्वारा न्यायिक हिरासत में उसके साथ बलात्कार किया गया. महिला ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की. दरअसल महिला ने भुज के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कहने पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. पीड़ित महिला ने मामले में स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की भी मांग की. उसने 21 अप्रैल को भुज अदालत को उस समय अपनी आपबीती सुनाई, जब उसे वहां पेश किया गया था.
महिला जनवरी 2015 में वैध पासपोर्ट और बिजनेस वीजा लेकर भारत आई थी. उसके वकील दिलीप जोशी के मुताबिक वह अपने देश में बाल विग भेजने के लिए भारत आई थी. जब वह बालों के विग लेने के लिए भुज में थी, तो उसे 23 अक्टूबर 2021 को स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) ने हिरासत में ले लिया, क्योंकि उसका वीजा समाप्त हो गया था.
महिला को भुज स्थित संयुक्त पूछताछ केंद्र भेजा गया. बाद में 6 दिसंबर, 2021 को कच्छ के माधापार पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 465, 471 के साथ पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई. उसे औपचारिक रूप से 8 दिसंबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया था. अगले दिन महिला को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में पलारा जेल भेज दिया. मामले में 23 जनवरी 2022 को चार्जशीट दाखिल की गई थी.
गिरफ्तार महिला को जब 21 अप्रैल को भुज के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, तो उसने एक लिखित आवेदन दिया, जिसमें उसने आरोप लगाया गया कि दो अन्य जेल कर्मचारियों की मदद से एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने उसे यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया था. महिला ने आरोप लगाया कि अप्रैल में तीन बार ऐसा हुआ और उसके बैरक साथी को इन तीनों बार बाहर जाने के लिए कहा गया. उसने आवेदन में उल्लेख किया कि बैरक साथी इस अपराध का गवाह है.
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