दिलेर समाचार, पटना: बिहार में अधिकारियों की लापरवाही से नाराज सीएम नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि समीक्षा के दौरान जिनकी वजह से काम में सुस्ती पाई जाएगी उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी. आपको बता दें कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो महत्वाकांक्षी परियोजनाएं 'सात निश्चय' और 'लोक सेवा अधिकार क़ानून' धीमी गति से चल रही हैं. इस बात का पता समीक्षा बैठक के दौरान भी लग रहा है. सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को भागलपुर में समीक्षा के दौरान ये बात कही है. गौरतलब है कि बिहार में फ़िलहाल 53 सेवाओं को लोक सेवा अधिकार क़ानून सेवाओं को शामिल किया गया है. नीतीश कुमार ने ज़िला अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वो ख़ुद इसकी समीक्षा करे.
इस बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने माना कि आज भी बिहार में लोगों को प्रचार-प्रसार के अभाव में ये नहीं मालूम कि सरकारी सेवाओं का क़ानूनी अधिकार उन्हें मिला हुआ है. इसके बावजूद लोग इसके अंतर्गत आने वाले कामों के लिए सांसद, विधायक के पास फरियाद लेकर जाते हैं. उन्होंने माना कि कुछ अधिकारियों का रवैया अभी भी ढुलमुल है. ऐसे ही अधिकारियों को चिन्हित कर उन्होंने समय से पहले सेवनिवृत्ति देने का आदेश दिया.
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