दिलेर समाचार, पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय है कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू किया जाना चाहिए. नीतीश ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक पारदर्शी और बेहतर कर प्रणाली बताते हुए कहा कि यह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के समय ही अस्तित्व में आई थी और आज वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं. पटना में 'लोक संवाद कार्यक्रम' में भाग लेने के बाद नीतीश ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार में आउटसोर्सिंग में आरक्षण उसके प्रावधानों के तहत किया गया है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने विरोधियों से कहा कि जिन्हें आरक्षण के विषय में बुनियादी जानकारी नहीं है, वही लोग इसका विरोध कर रहे हैं.
आरक्षण के विषय में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "मेरी व्यक्गित राय है कि आरक्षण सरकारी ही नहीं निजी क्षेत्र में भी दिया जाना चाहिए. इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस होनी चाहिए. हमने जो भी फैसले किए हैं, वह बिहार के लोगों की भलाई के लिए किए. यही कारण है कि हम अपने पुराने वाले गठबंधन में फिर लौटे हैं." राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कुछ दिन पूर्व नीतीश को आरक्षण विरोधी बताया था. नीतीश कुमार ने एकबार फिर जीएसटी की वकालत करते हुए कहा कि जो लोग जीएसटी का विरोध कर रहे हैं, उनसे पूछा जाए कि इसका प्रस्ताव कब आया था.
उन्होंने कहा कि पहले वैट आया था और अब जीएसटी लाया गया है. उन्होंने हालांकि यह माना, "अभी यह नई प्रणाली है, बदलाव में और समझने में वक्त लगता है, परंतु जीएसटी का विरोध करने का कोई कारण नहीं है."
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