दिलेर समाचार, नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल यूनइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रविवार को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गेंद भारतीय जनता पार्टी के पाले में डाल दिया. जदयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने कुमार कुछ वक्त के लिए ही सही, मगर ऐसी अटकलों पर विराम लगा दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले ही वह बीजेपी से रिश्ता तोड़ देंगे या फिर सीटों की डिमांड करेंगे. जदयू ने अपनी ओर से साफ कर दिया है कि 2019 लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ ही मिलकर लड़ेगी. मगर रविवार की बैठक में नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि वह अभी बीजेपी की ओर से इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि भाजपा उन्हें लोकसभा चुनाव में कितनी सीटों का ऑफर करती है. यानी नीतीश कुमार ने बीजेपी के पाले में पासा फेंक दिया है कि वह एनडीए को बचाना चाहती है या नहीं.
जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि 'हम न बीजेपी की मदद कर रहे हैं, न सपोर्ट कर रहे हैं और न ही विरोध कर रहे हैं. जनता दल यूनाइटे चार राज्यों में अपने दम पर अकेली चुनाव लड़ेगी. आगे उन्होंने कहा कि गुजरात, नागालैंड और कर्नाटक में हमने सीमित सीटों पर चुनाव लड़ा. हम अपनी पार्टी के एजेंडा पर चल रहे हैं.'
जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग हमें किनारा करने के प्रयास में लगे हैं वो लोग खुद ही किनारे हो जायेंगे. नीतीश ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमको एलिमिनेट करने वाला कोई नहीं हैं आप लोग घबराये मत.
नीतीश कुमार के भाषण से साफ़ था कि फ़िलहाल तालमेल और सीटों के संबंध में उन्हें कोई जल्दबाज़ी नहीं है. नीतीश पहले भाजपा के तरफ़ से सीटों की संख्या के बारे में सुन लेना चाहते हैं, तब वो इस संबंध में कोई मन बनाना चाहते हैं. अब सबकी निगाहें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित साह के इस हफ़्ते पटना यात्रा पर होगी, जब 12 जुलाई को वो नीतीश कुमार के साथ बैठक करेंगे.
बता दें कि पिछले साल लालू यादव और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर से अपने पुराने साथ बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाया था. मगर बीते कुछ समय से ऐसी खबरें आ रही हैं कि नीतीश कुमार और बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं, कि नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ एक बार फिर से विपक्षी महागठबंन की ओर अपने कदम बढ़ा सकते हैं. मगर अभी दिल्ली की बैठक से कुछ समय के लिए ऐसी अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नराज चल रहे हैं. बता दें कि नीतीश कुमार के लिए वोट बैंक के लिहाज से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग किसी संजीवनी से कम नहीं है.
केसी त्यागी ने कहा कि जदयू के लिए सीटों का बंटवारा अहम मुद्दा होगा. कार्यकारिणी की बैठक से पहले त्यागी ने कहा था कि बिहार में 2019 लोकसभा चुनाव में जदयू बड़े भाई की भूमिका में होगी. हालांकि, इससे पहले भी जदयू की ओर से ऐसे कई बार बयान आ चुके हैं कि जदयू बिहार एनडीए में बड़े भाई की भूमिका में ही रहेगी.
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