दिलेर समाचार, नई दिल्ली. संसद (Parliament) के मानसून सत्र (Monsoon Session) के पहले दिन से ही दोनों सदनों में कोरोना (Corona) का मुद्दा हावी है. विपक्ष कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave) के दौरान ऑक्सीजन की कमी (Oxygen Shortage) के कारण हुई मरीजों की मौत को लेकर केंद्र पर हमलावर है तो वहीं केंद्र सरकार ने संसद में बताया है कि किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से ऑक्सीजन की कमी के चलते किसी भी मरीज की मौत रिपोर्ट नहीं की है. बता दें कि कांग्रेस ने संसद सत्र के दौरान केंद्र के उस दावे का खंडन किया था कि तमिलनाडु में ऑक्सीजन की कमी के चलते एक भी मौत नहीं हुई है. कांग्रेस के खंडन के एक दिन बाद ही अब तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री ने भी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की बात को नकार दिया है.
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने कहा है कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं, बल्कि तकनीकी खामी की वजह से 19 कोरोना मरीज़ों की मौत हुई है. उन्होंने कहा ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मौजूद थी, लेकिन तकनीकी खामी जैसे अपर्याप्त दबाव या ऑक्सीजन पाइपलाइन में समस्या के चलते मरीजों ने दम तोड़ दिया.
बता दें कि केंद्र सरकार ने कोविड-19 की जारी की गई रिपोर्ट में कहा है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति से कोई मौत नहीं हुई है. इस रिपोर्ट में केंद्र सरकार बताया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी मरीज की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत दर्ज नहीं की गई है. रिपोर्ट में केंद्र ने दावा किया है कि दूसरी लहर के दौरान राज्यों को कुल 4,02,517 ऑक्सीजन सिलेंडर वितरित किए गए थे. केंद्र सरकार की इस रिपोर्ट पर विपक्ष लगातार हमलावर है.
वहीं तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने युद्धस्तर पर काम किया है. जब कभी भी हमें ऑक्सीजन की कमी महसूस हुई, हम तुरंत केंद्र के संपर्क में आए और उनसे ऑक्सीजन मंगवाई. एम. सुब्रमण्यम ने तमिलनाडु में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा का हवाला देते हुए कहां की 'यही कारण रहा कि तमिलनाडु को किसी बड़े प्रभावों का सामना नहीं करना पड़ा.'
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