दिलेर समाचार, जर्मनी में हुए एक शोध में 13 देशों के पुरूषों को शामिल किया गया। शोध में हृदय रोग एवं नपुंसकता के बीच संबंध का पता लगाया गया। इन शोधकर्ताओं ने यह पाया कि जिन्हें नपुंसकता की शिकायत है और हृदय रोग है, उन्हें दिल के दौरे पड़ने की संभावना अधिक होती है।
शोध में यह भी पाया गया कि नपंुसकों को हृदय रोग का खतरा भी अधिक रहता है। इन्हें हार्ट अटैक और मौत की संभावना भी अधिक रहती है। उन्हें नपुंसकता के साथ दिल के रोग एवं इससे होने वाली मौतों का खतरा बढ़ जाता है। यहां नपुंसकता के वहम की अपेक्षा चिकित्सकीय दृष्टि से जो नपुंसक होते हैं, उन्हें यह खतरा ज्यादा होता है।
जोड़ों में दर्द के लिए
लहसुन प्याज हैं दवा
बढ़ती उम्र, बढ़ते वजन व मोटापे के साथ जोड़ों में दर्द की परेशानी बढ़ जाती है। यह दर्द पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं को अधिक होता है। महिलाओं को जोड़ों की परेशानी ज्यादा होती है। उन्हें जोड़ों में दर्द, आर्थराइटिस, गाउट आदि की शिकायत होती हैं इसीलिए वे एक तरफ झुककर चलती हैं।
वे उठते बैठते, सोते जागते तकलीफ से गुजरती हैं। इनके लिए मेथी पत्ता व मेथी दाने की भांति लहसुन व प्याज दवा की भांति काम करते हैं। जो महिलाएं दैनिक भोजन में लहसुन प्याज खाती हैं, उन्हें ऐसी शिकायत कम होती है। यह कमर के नीचे हिप व सभी जोड़ों के लिए दवा की भांति तेज कारगर हैं। इस कंद वाली चीजों में एक ऐसा तत्व पाया जाता है जो जोड़ों को लचीलापन देने वाले टिशू को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है।
महिलाओं की याददाश्त तेज होती है
याददाश्त के मामले में महिलाएं बाजी मार लेती हैं। उनकी याददाश्त सदैव पुरूषों से तेज होती है। पुरूष बढ़ती उम्र के साथ याददाश्त की कमी के शिकार होते हैं जबकि महिलाएं उम्र बढ़ने के साथ और तेज याददाश्त वाली हो जाती हैं। उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं की याददाश्त बढ़ती है।
उम्र बढ़ने के साथ महिलाएं सब याद रखती हैं। पुरूष अपने सामने रखी वस्तु को ढूंढ नहीं पाते हैं जबकि महिलाएं यही काम बखूबी कर लेती हैं। पुरूष बुढ़ापे में भुलक्कड़ हो जाते हैं जबकि महिलाएं डिब्बे के अंदर क्या चीज, कितनी मात्रा में कब से बंद है, यह याद रखती हैं। महिलाएं इसीलिए अपनी तेज दिमागी क्षमता के कारण जीवन के अंतिम क्षण तक सभी काम बखूबी कर लेती हैं।
शहरों में कम वजनी बच्चे ज्यादा पैदा होते हैं
शहरों में ज्यादा भौतिक व चिकित्सा सुविधा के बाद भी कम वजनी बच्चे ज्यादा पैदा होते हैं। शहरी भारत में 24 प्रतिशत बच्चे कम वजन के पैदा होते हैं जबकि गांवों में मात्रा 15 प्रतिशत बच्चे कम वजन के पैदा होते हैं। इनका वजन ढाई किग्रा. से कम होता है। सुविधा विहीन गांवों में नवजात बेहतर स्थिति में होते हैं।
शहरी महिलाएं तनावग्रस्त होती हैं। छरहरी काया व त्वचा की दीवानी हैं पर व्यायाम या काम कम करती हैं। शहरी महिलाओं का भोजन पेट भरने वाला होता है किंतु पौष्टिक नहीं होता। शहरी महिलाएं सिगरेट व नशे का सेवन करती हैं। ये यदि परंपरागत खानपान व गुड़ खाएं, व्यायाम करें, नशे का त्याग करें तो स्थिति सुधर सकती है। गर्भस्थ भू्रण को पौष्टिक भोजन से मदद मिलती है।
मधुमेह व कोलेस्ट्राल में लाभ पहुंचाती है मेथी
मेथी की पत्तियां भाजी की श्रेणी में एवं दाने को मसाले की श्रेणी में रखा गया है। इसका किसी भी रूप में सेवन लाभ पहुंचाता है। यह शुगर एवं कोलेस्ट्राल की स्थिति में लाभ पहुंचाता है। ऐसे रोगी इसे पानी में भिगोकर अथवा प्रातः खाली पेट फांककर खाते हैं। यह सब्जियों में छौंक लगाने पर खाने की गैस बनने की शिकायत को दूर करता है। इसका परांठा पौष्टिक होता है। यह उपापचय को नियंत्रित रखता है। कब्ज दूर करता है। मूत्रा संस्थान को सबल रखता है। यह रक्तशोधक है। यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है।
यह सौंदर्य प्रसाधनों में भी काम आता है। इसका पाउडर नारियल तेल में डालकर बालों में लगाया जाता है। इससे बाल झड़ने की शिकायत दूर होती है। यह झुर्रियां, कील-मुंहासे त्वचा का सूखापन दूर करता है। यह जोड़ों में दर्द को मिटाता है। यह पेट दर्द दूर करता है। प्रसूता के स्तन में दूध बढ़ाता है।
परस्त्री को चाहेंगे तो दिल
पर भारी पड़ सकता है
पराई नारी को देखना, घूरना, आंख लड़ाना व संबंध बनाना महंगा पड़ सकता है। अपनी पत्नी से परिचित होने के कारण हृदय रोग, दिल का दौरा एवं दिल की धड़कन बढ़ने की संभावना कम होती है जबकि पराई नारी एवं खूबसूरत लड़की व स्त्राी के साथ यही स्थिति बदल जाती है।
डॉक्टर भी मानते हैं कि पराई नारी व खूबसूरत चेहरा दिल की धड़कन बढ़ा देता है, दिल का रोगी बना देता है और दिल के दौरे का जोखिम भी बढ़ा देता है। ऐसी स्थिति में उनसे कोई संबंध बनाता है तो समझिए वह रक्तचाप या दिल के दौरे का शिकार भी हो सकता है। जितनी देर तक ऐसी पराई सुंदर नारी के साथ रहेंगे, तब तक दिल तेज धड़कता रहेगा। यह खतरे को बढ़ा देता है।
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