नीतू गुप्ता
सर्वाइकल स्पांडिलोसिस अर्थात् गर्दन का दर्द गर्दन की सात हड्डियों को प्रभावित करता है। इससे गर्दन में दर्द रहता है और अकड़न महसूस होती है। इसके कारण रीढ़ की हड्डी की गति सीमित हो जाती है। इन हड्डियों की नाडि़यां जिन जिन स्थानों से होकर जाती हैं वहां भी दर्द या झुनझुनाहट महसूस होती है।
पहले सर्वाइकल स्पांडिलोसिस का दर्द आयु के साथ बढ़ता था अब दिन चर्चा के बदलाव के कारण यह दर्द कम उम्र के लोगों को भी प्रभावित करता है।
इस रोग के प्रारंभ में रोगी को पहले गर्दन में जकड़न महसूस होती है जो बाद में दर्द का रूप ले लेती है। गर्दन के दर्द के बाद धीरे-धीरे कंधों, बांहों और हाथ की उंगलियों तक दर्द महसूस होने लगता है। गर्दन की सात हड्डियों में से किसी भी हड्डी में गैप बढ़ने से या हड्डी के घिस जाने से इस दर्द को महसूस किया जा सकता है।
अधिकतर यह दर्द गलत पोस्चर के कारण भी होता है जैसे कंप्यूटर पर लगातार काम करने से, लगातार टीवी लेट कर या बैठकर देखने से, डेस्क जॉब करनेवालों को, अधिक देर तक सिलाई का काम करने से, पढ़ाई करते समय बिस्तर पर बैठकर या लेटकर, अधिक ड्राइविंग करने से, सिर आगे की ओर झुकाकर काम करने से, रात्रि में गलत पोस्चर में सोने से, गर्दन को झटके से मोड़ने पर।
अगर एक दिन गर्दन में दर्द है और रात्रि को आराम के बाद वो दर्द ठीक हो जाए तो घबराने की आवश्यकता नहीं। अगर दर्द लगातार दो तीन दिन बना रहे या हलके चक्कर महसूस हों तो एक दो पेनकिलर ले लें। फिर भी दर्द में विशेष लाभ न मिले तो डॉक्टर से संपर्क करें।
इस रोग का इलाज होम्योपैथी में भी है, ऐलापैथी में तो है ही। इसके अलावा अन्य कुछ सुझाव हैं जो गर्दन दर्द में लाभ पहुंचाते हैं।
ऽ सोते समय गर्दन के नीचे तकिया न रखें। अगर बहुत आवश्यक हो तो पतला तकिया प्रयोग में लाएं।
ऽ जिन दिनों दर्द हो, उन दिनों हार्ड बेड का प्रयोग करें। वैसे भी अधिक सॉफ्ट बेड पर सोने से हड्डियों में रोग पैदा हो सकते हैं।
ऽ खड़े रहते समय और कुर्सी पर बैठते समय रीढ़ को सीधा रखें। कुर्सी पर बैठते समय पीठ को सीधा रख रीढ़ की हड्डी को कुर्सी की बैक पर टिका कर रखें।
ऽ आस-पास या ऊपर नीचे देखने के लिए गर्दन को झटके से न घुमाएं।
ऽ गर्दन के विशेष व्यायाम करने से इस दर्द से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं मगर व्यायाम विशेषज्ञ की निगरानी में करें।
जो न करें:- डेस्क जॉब करने वालों को एक घंटे के अंतराल में उठकर एक छोटा सा चक्कर लगा लेना चाहिए अगर यह संभव न हो तो गर्दन के हल्के फुलके व्यायाम कर लें।
ऽ लांग ड्राइविंग से बचें। अगर जरूरी हो तो थोड़ा बीच में आराम कर लें।
ऽ लगातार न तो सिलाई मशीन पर काम करें, न ही टीवी अधिक समय तक लगातार देखें। बिस्तर पर बैठकर न पढ़ें। टेबल चेयर पर पढ़ने वाले विद्यार्थी गर्दन और कमर सीधी रखें।
ऽ सोते समय टेढ़े मेढ़े न सोएं।
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