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एक दिन पहले 'वंदे भारत एक्सप्रेस' में आईं थी क्या दिक्कतें, आज से मिलेगी यात्रियों को सौगात

Posted at: Feb 17 , 2019 by Dilersamachar 10346

दिलेर समाचार, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के एक दिन बाद भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत एक्सप्रेस' में वाराणसी से दिल्ली लौटते समय शनिवार तड़के कुछ परेशानी आ गई. ट्रेन शनिवार को दोपहर करीब एक बजे दिल्ली पहुंची और आज (17 फरवरी) उसका पहला कमर्शियल रन है. यानी कि आज से ट्रेन आम जनता के लिए यात्रा के लिए उपलब्ध होगी. 17 फरवरी के लिए सभी टिकटें पहले ही बुक हो चुकी हैं. रेलवे ने शनिवार शाम को बयान जारी करते हुए बताया कि रेलगाड़ी को दिल्ली में चमरौला स्टेशन के पास रोका जाना था. जहां कहा गया कि संभवत: किसी बाह्य आघात के कारण आखिर के चार कोचों की बेसिक यूनिटों और बाकि की ट्रेन के बीच कम्यूनिकेशन में कोई दिक्कत आ रही है. इसके बाद ट्रेन के सुरक्षा मानकों ने ब्रेक लगाया. ट्रेन की जांच की गई और दिल्ली के लिए फिर से रवाना कर दिया गया.

अधिकारियों ने बताया कि ''पहियों के फिसलने'' की वजह से दिक्कत पैदा हुई थी. हालांकि ट्रेन में सवार लोगों ने दावा किया कि यह ब्रेक के सही तरह से काम नहीं करने का मामला है. ट्रेन 18 को हाल ही में नया नाम वंदे भारत एक्सप्रेस दिया गया. ट्रेन अपनी पहली वापसी यात्रा पर शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे वाराणसी जंक्शन से दिल्ली रवाना हुई थी. अपनी पहली यात्रा पर वाराणसी पहुंचने के करीब 45 मिनट बाद ही ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हो गई. पहली बार ट्रेन में तड़के साढ़े छह बजे उत्तर प्रदेश में टूंडला जंक्शन से करीब 15 किलोमीटर दूर दिक्कत आई. उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने कहा, ''यह मवेशी सामने आने का मामला है जिसकी वजह से पहिए फिसलने की दिक्कत आई.''

सूत्रों के अनुसार, ट्रेन एक घंटे से ज्यादा समय तक टूंडला के पास फंसी रही थी. ट्रेन में कई पत्रकार सवार थे. उन्होंने बताया कि ट्रेन के रुकने से पहले उसकी आखिर की बोगियों ने तेज आवाज करनी शुरू कर दी. ट्रेन में एक सूत्र ने बताया, ''आखिर की चार बोगियों में थोड़ी बदबू आ रही थी. थोड़ा धुआं भी उठते देखा गया. लोको पायलटों ने कुछ समय के लिए ट्रेन की गति कम कर दी. मैंने अधिकारियों को ब्रेक में खामी के बारे में बात करते हुए सुना.

सुबह करीब सवा आठ बजे इंजीनियरों से खामी दूर की और ट्रेन ने 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा शुरू की जिसे बाद में थोड़े समय के लिए 40 किमी. प्रति घंटा कर दिया गया. इसके बाद इसमें सवार पत्रकारों और अधिकारियों को दिल्ली जाने वाली दूसरी ट्रेन में बैठा दिया गया. अधिकारियों ने यहां बताया कि सुबह करीब आठ बजकर 55 मिनट पर वंदे भारत एक्सप्रेस फिर रुकी. जरूरी मरम्मत के बाद उसने 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ फिर से दिल्ली की यात्रा शुरू की. रेलवे की प्रवक्ता स्मिता वत्स शर्मा ने कहा, ''ऐसा प्रतीत होता है कि मवेशी के सामने आ जाने से यह अवरोध पैदा हुआ. ट्रेन रात को लौट रही थी और आशंका है कि रात के समय उसके सामने मवेशी आ गए थे.''

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने टि्वटर पर एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह ट्रेन मोदी सरकार के प्रदर्शन का जबरदस्त उदाहरण है. बहुत ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर बताया गया और पीआर किया गया लेकिन सच्चाई एकदम अलग है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में ट्रेन 18 को ‘वंदे भारत एक्सप्रेस' का नाम दिया है. चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने इसका निर्माण किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र ने 15 फरवरी को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. ‘वंदे भारत एक्सप्रेस' दिल्ली-मुंबई राजधानी मार्ग के सेक्शन पर परीक्षण के दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी थी और इसी के साथ वह भारत की सबसे ज्यादा स्पीड वाली ट्रेन बन गई थी.

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