दिलेर समाचार, 14 मई की शाम 8 बजे के आसपास 68 फीसदी ट्रेनें लेट चल रही थीं. railradar.railyatri.in पर भारतीय रेल की यह स्थिति काफी शर्मनाक लग रही थी. शाम 8 बजे से लेकर 9 बजे के बीच कुछ ट्रेनों का हाल भी देख लीजिए. हो सकता है अब इनमें कुछ बदलाव हो गया हो मगर उस वक्त इनके लेट होने की क्षमता देखिए फिर मंत्रियों की छवि बनाने के पीछे जो पी आर हो रहा है उसे समझिए. सवाल है मोदी सरकार में दो-दो रेल मंत्री डाइनैमिक हुए. सुरेश प्रभु और पीयूष गोयल. फिर भी ट्रेनों के चलने का ऐसा रिज़ल्ट क्यों है. अब बताइये रेल मंत्री कब वित्त मंत्री का काम देखेंगे और वित्त मंत्री कब रेल मंत्री का काम देखेंगे. क्या इतना आसान है इन दोनों मंत्रालयों को चलाना.
जब हम यह सब देख ही रहे थे कि खबर आई कि रेलमंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का प्रभार मिला है. मगर रेल बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी से उम्मीद की जा सकती है कि वे रेल को समय पर ला ही देंगे. रेल सीरीज़ से पहले ही ट्रैक मैन और लोको पायलट की बिरादरी के संपर्क में आ गया था. एक लोको पायलट ने बताया कि केबिन में शौचालय नहीं होता है. ट्रेन रूकती है तभी कहीं जा सकते हैं. पखाना और पेशाब रोकते रोकते कई तरह की बीमारी हो जाती है. हमने तो इस एंगल से कभी सोचा भी नहीं था.
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