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March 29 2024 07:48 PM

नोटबंदी पर याचिका हुई खारिज, SC ने दी केंद्र को राहत

Posted at: Jan 2 , 2023 by Dilersamachar 9214

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के 2016 में 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले (SC on Demonetisation) को बरकरार रखा है. शीर्ष अदालत ने सोमवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए नोटबंदी के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं (SC Upholds Center’s Note Ban Decision) को खारिज कर दिया. पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि 2016 में केंद्र सरकार की ओर से 500 और 1000 के करेंसी नोट प्रतिबंधित करने का लिया गया फैसला कार्यपालिका की आर्थिक नीति (Executive’s Economic Policy) का हिस्सा था, इसे अब पलटा नहीं जा सकता. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नोटबंदी से पहले केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच व्यापक सलाह-मशविरा हुआ था. यह केंद्र का एकतरफा फैसला नहीं था. हम मानते हैं कि नोटबंदी ‘आनुपातिकता के सिद्धांत’ से प्रभावित नहीं थी.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा, ‘आरबीआई के पास विमुद्रीकरण या डिमोनेटाइजेशन जैसे बड़े मुद्दे पर फैसला करने की कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है.’ यानी इसे ऐसे समझा जा सकता है कि केंद्रीय बैंक इस बारे में सरकार को अपना परामर्श दे सकता है, लेकिन इस बारे में कोई भी फैसला लेने का अधिकार केंद्र के पास ही है. न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने बहुमत के दृष्टिकोण (अन्य 4 जजों के फैसले से अलग) से भिन्न मत जाहिर किया और असहमतिपूर्ण निर्णय लिखा. न्यायमूर्ति एसए नजीर की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ में  न्यायमूर्ति बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामसुब्रमण्यम और बीवी नागरत्ना भी शामिल थे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जस्टिस एसए नजीर 4 जनवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को शाम 8 बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में घोषणा की थी कि तत्काल प्रभाव से 500 और 1000 रुपए के नोट अब लीगल टेंडर नहीं रहे.

इससे पहले 7 दिसंबर, 2022 को, अदालत ने केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को सरकार के 2016 के फैसले से संबंधित प्रासंगिक रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान आरबीआई के वकील और याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलें सुनीं. आरबीआई की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश कीं. वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अधिवक्ता पी चिदंबरम व श्याम दीवान पेश हुए. पी चिदंबरम ने 500 रुपये और 1000 रुपये के करेंसी नोटों को बंद करने को गंभीर रूप से त्रुटिपूर्ण बताते हुए, तर्क दिया था कि सरकार लीगल टेंडर से संबंधित किसी भी प्रस्ताव को अपने दम पर शुरू नहीं कर सकती है, ये केवल आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर ही किया जा सकता है.

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