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प्रदूषण ने मचाया Delhi-NCR में आतंक, सभी स्कूल बंद

Posted at: Nov 14 , 2019 by Dilersamachar 10134

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) में सुधार होता नहीं दिखाई दे रहा है. पिछले सप्ताह कुछ दिन वायु की गति सामान्य रहने से दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के लोगों को प्रदूषण से थोड़ी राहत जरूर मिली थी, लेकिन इतवार के बाद से दिल्ली की हवा लगातार घुटती जा रही है और लोगों को काफी मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों को 14-15 नवंबर तक के लिए बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है. दिल्ली के साथ ही यूपी सरकार ने भी बागपत जिले के सभी स्कूल को दो दिन तक बंद करने का आदेश दिया है. वहीं बुधवार की तरह गुरुवार को भी दिल्ली के मौसम में कोई सुधार होता नहीं दिखाई दिया. गुरुवार को सुबह से ही पूरी राजधानी धुंध की चादर में लिपटी हुई नजर आ रही है और वायु गुणवत्ता 'गंभीर श्रेणी' में बनी हुई है.

दिल्ली के कई इलाकों में AQI गंभीर श्रेणी से बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंचती हुआ दिखाई दे रही है. गुरुवार को AQI दिल्ली के आईटीओ (474) और लोधी रोड़ (500) में दर्ज किया गया. बता दें, सरकार के वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गुरुवार को ‘गंभीर' या ‘बेहद गंभीर' श्रेणी में प्रवेश कर गया है. वहीं मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सर्दियों के आगाज के साथ ही न्यूनतम तापमान में गिरावट से हवा में ठंडक बढ़ गई है और भारीपन आ गया है, जिससे प्रदूषक तत्व जमीन के निकट जमा हो रहे हैं. वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण ब्यूरो (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का AQI बुधवार को बेहद गंभीर श्रेणी में रहेगा. इसके साथ ही 37 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन में अधिकतर ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर' श्रेणी में रखा.

ता दें, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 0-50 के बीच ‘अच्छा', 51-100 के बीच ‘संतोषजनक', 101-200 के बीच ‘मध्यम', 201-300 के बीच ‘खराब', 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब', 401-500 के बीच ‘गंभीर' और 500 के पार ‘बेहद गंभीर एवं आपात' माना जाता है. विशेषज्ञों ने बताया कि प्रदूषण के स्तर में वृद्धि को हवा की गति में गिरावट आ सकती है. उन्होंने कहा कि पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं के बढ़ने की आशंका है, जिससे दिल्ली में अगले दो दिनों में हवा की गति में गिरावट आ सकती है. सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी सेवा ‘सफर' के अनुसार शहर में 25 प्रतिशत प्रदूषण पराली के जलने की वजह से है. साथ ही प्रदूषण में वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली सरकार ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मद्देनजर (11-12 नवंबर) अपनी ऑड-ईवन योजना के तहत प्रतिबंध को हटा दिया था. हालांकि बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर इस योजना को बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है. 

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