दिलेर समाचार, नीलम गुप्ता। कहने को तो मिट्टी बेकार की वस्तु मानी जाती है लेकिन आज के समय में मिट्टी बहुत कीमती चीज हो गई है। कहीं-कहीं बाजार में आपको यह मिट्टी मिलेगी भी नहीं चाहे आप कितने पैसे खर्च कर लें। अब आप यह सोच रहे होंगे कि ऐसी कौन सी मिट्टी है जिसका उपयोग अधिक होता है। किस कारण बाजार में नहीं मिल पाती।
मुल्तानी मिट्टी का उपयोग आज विभिन्न सौंदर्य प्रसाधनों में अधिक हो रहा है। इसका कोई विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना भी नहीं है। यह मिट्टी राजस्थान के इलाकों में अधिक पायी जाती है। बाजार से भी मुल्तानी मिट्टी खरीदी जा सकती है। हर छोटे या बड़े शहर में मुल्तानी मिट्टी आपको मिल जायेगी। मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग विभिन्न तरीके से कर सकते हैं। मुल्तानी मिट्टी का पाउडर, एक चम्मच खीरे का रस, कच्चे आलू का रस, मिलाकर आखों के नीचे लगायें। आंखों के नीचे का कालापन दूर होगा। शहद व ग्लिसरीन मिलाकर कुछ दिन प्रयोग करने से काला हिस्सा साफ होगा।
मुल्तानी मिट्टी, चन्दन पाउडर, हल्दी, कपूर का तेल मिलाकर लगाने से चेहरे के दाग धब्बे दूर होंगे। अगर चेहरे का रंग निखारना है तो एक चम्मच मुल्तानी मिट्टी पाउडर, एक चम्मच खीरे का रस, नींबू के रस की कुछ बूंदें व टमाटर का रस, सबको मिलाकर पेस्ट बना लें। कुछ महीने ऐसा पेस्ट बनाकर लगायें। इस पेस्ट के चेहरे पर लगाने के बाद अपने आप सूखने दें। मौसम के अनुसार गुनगुने या ठंडे पानी से चेहरा साफ करें। इस पेस्ट का प्रयोग करने से रंग निखरेगा, साथ ही चेहरे की त्वचा आभामय हो जायेगी।
चेहरे पर चमक लाने के लिए विभिन्न तरह के फेसपैक बाजार में उपलब्ध हैं। अगर आप भी फेसपैक बनाना चाहें तो घर पर भी तैयार कर सकती हैं। मुल्तानी मिट्टी पाउडर, चंदन पाउडर, नारंगी छिलका पाउडर, नींबू छिलका पाउडर, नींबू का रस बराबर मात्रा में लेकर एक शीशी में भर कर रख लें। जब भी फेसपैक लगाना हो, कच्चा दूध, गुलाब जल, नींबू का रस मिलाकर उसमें मिट्टी का पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगायें। बड़ी उम्र की महिलाएं सप्ताह में दो बार इस फेस पैक को लगायें। छोटी उम्र की लड़कियां सप्ताह या महीने में एक या दो बार इस फेस पैक का प्रयोग कर सकती हैं।
त्वचा को सुन्दर व आकर्षक बनाने के लिए भी मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग कर सकते हैं। मुल्तानी मिट्टी से त्वचा खुश्क नहीं होती। गर्मियों के मौसम में इसका प्रयोग काफी लाभकारी है क्योंकि गर्मी के मौसम में घमौरियां काफी हो जाती हैं। घमौरियां दूर करने के लिए मुल्तानी मिट्टी पाउडर में दही मिलाकर साबुन की टिक्की की तरह का प्रयोग करें। घमौरियों से राहत मिलेगी। सप्ताह में एक बार नींबू का रस व खीरे का रस मिलाकर हाथ पैर पर लगायें।
बालों को सुन्दर व आकर्षक बनाने के लिए भी मुल्तानी मिट्टी को प्रयोग में ला सकते हैं। बालों को धोते समय या साफ करते समय दही, छाछ, मठ्ठे में मुल्तानी मिट्टी मिलाकर लगायें। बालों में चमक आयेगी व बाल लम्बे भी होंगे। बालों में रूसी हो गई हो तो मुल्तानी मिट्टी में नमक तेल मिलाकर बालों की सफाई करें। बालों की जड़ें मजबूत करने के लिए नींबू का रस बालों की जड़ों में लगायें। उसके पश्चात मुल्तानी मिट्टी से बाल धोएं।
बालों को घना बनाने के लिए अण्डे की सफेद जर्दी बालों की जड़ों में लगायें। मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग बालों को धोने के लिए करें। इनके प्रयोग से बाल झड़ने कम होंगे और बाल घने बनेंगे। सप्ताह में दो बाद अधिक पानी से बालों की सफाई करें।
मुल्तानी मिट्टी के प्रयोग से किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। इसके प्रयोग से हमारी त्वचा व बाल इत्यादि सुन्दर व आकर्षक बनते हैं। प्रकृति ने हमें यह एक अनमोल चीज दी है। इसके अधिक प्रयोग से भी किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचती। इसका प्रयोग बिना डर के किया जा सकता है। प्राचीन काल में ऋषि मुनि इसका लेप बनाकर पूरे शरीर पर लगा लेते थे। मुल्तानी मिट्टी का लेप विभिन्न प्रकार के कीटाणुओं को शरीर की त्वचा के पास पहुंचने नहीं देता।
प्रकृति ने हमें जो भी चीज दी है वह हमारे लिए फायदेमन्द ही है। अगर वैज्ञानिक ढंग से भी हम सोचे-विचारें तो हम पाते हैं कि हमारे पूर्वजों ने प्रकृति के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर ली थी। तभी वे प्रकृति की दी हुई अच्छी चीजों का प्रयोग किया करते थे।
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